कार्यशाला में जानी बौद्धिक सम्पदा अधिकार की बारीकियां

नेताजी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अलीगंज में आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन

क्राइम रिव्यू

लखनऊ। नेताजी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अलीगंज के आइक्यूएसी समिति के तत्वाधान में तीन दिवसीय बौद्धिक संपदा अधिकार विषयक कार्यशाला के उद्घाटन एवं विभिन्न तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया। उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉक्टर आलोक श्रीवास्तव, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी लखनऊ, मुख्य वक्ता डॉ श्रीपति राव कुलकर्णी वैज्ञानिक सीडीआरआई लखनऊ तथा कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर अनुराधा तिवारी उपस्थित रही।महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर अनुराधा तिवारी ने कहा कि कार्यशाला का विषय अत्यंत समसामयिक है, जिसकी जानकारी सभी को होना चाहिए उन्होंने इस जानकारी को छात्र छात्राओं के साथ साझा करने पर बल दिया। आइक्यूएसी निदेशक डॉ शिवानी श्रीवास्तव ने कार्यशाला के विषय की रूपरेखा प्रस्तुत की। मुख्य अतिथि डॉ आलोक श्रीवास्तव ने आईपीआर की जानकारी जनमानस तक पहुंचाने हेतु आह्वान किया एवं कहा कि “आपका दिमाग, आपकी मेहनत, आपका काम आए सबके काम”। मुख्य वक्ता श्रीपति राव कुलकर्णी ने आईपीआर के विषय में पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बहुत ही सरल ढंग से प्रस्तुतीकरण किया। उन्होंने विभिन्न पहलुओं जैसे कॉपीराइट ट्रेडमार्क प्लेगरिज्म इत्यादि पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। उन्होंने पेटेंट प्राप्ति की प्रक्रिया को बहुत सरल ढंग से समझाया। प्रश्नोत्तरी सत्र का आयोजन डॉ अरविंद के द्वारा किया गया जिसमें मुख्य रुप से डॉ रश्मि बिश्नोई, डॉ शरद कुमार वैश्य, एवं डॉ जय प्रकाश ने प्रश्नों के माध्यम से शंकाओं का निवारण किया। इस कार्यशाला के विभिन्न तकनीकी सत्रों में अतिथि वक्ता राजकीय महाविद्यालय हरख के सहायक प्राध्यापक डॉ. ओम प्रकाश ने बौद्धिक संपदा अधिकार विषय के बारे में विस्तार पूर्वक बताते हुए उसके विभिन्न बिंदुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने पेटेंट, ट्रेडमार्क, इंडस्ट्रियल डिजाइन, कॉपीराइट , ज्योग्राफिकल इंडिकेशन इत्यादि पर विस्तार पूर्वक चर्चा की। पेटेंट के बारे में उन्होंने बताया यह एक लीगल प्रपत्र है जो कि किसी अविष्कारक के अविष्कार को सुरक्षा प्रदान करता है । उन्होंने प्रतिभागियों को लोगो एवं ट्रेडमार्क के बीच का अंतर समझाते हुए बताया कि जब कोई लोगो पंजीकृत हो जाता है तो वह ट्रेडमार्क बन जाता है । उन्होंने कहा कि ट्रेडमार्क स्पष्ट होना चाहिए और किसी दूसरे व्यक्ति को धोखा देने वाला नहीं होना चाहिए ।उन्होंने कॉपीराइट के बारे में बताते हुए कहा कि कॉपीराइट की मान्यता कॉपीराइट प्राप्त किए व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात भी 60 वर्ष तक वैध रहती है। उन्होंने पेटेंट एवं कॉपीराइट प्राप्त करने की प्रक्रिया को पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया। कार्यशाला के अंतिम तकनीकी सत्र में अतिथि वक्ता के रूप में राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय लखनऊ के डॉक्टर कुमार स्कंद ने बौद्धिक संपदा अधिकार के कानूनी पहलुओं के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की । उन्होंने कॉपीराइट एक्ट के विषय में बताते हुए कॉपीराइट अधिनियम के उल्लंघन के प्रावधानों के बारे में प्रकाश डाला। इस आइक्यूएसी कार्यशाला के अंतर्गत विशेष तकनीकी सत्र में सभी प्रतिभागियों को एडवांस कंप्यूटिंग की जानकारी दी गई जिसमें प्रमुख रुप से माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के विभिन्न पहलुओं यथा माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, एक्सल ,पावरप्वाइंट, ईमेल ,वेब ब्राउज़र एवं एंड्राइड एप्लीकेशन के विशिष्ट तकनीकी पहलुओं पर सुनील वर्मा द्वारा प्रकाश डाला गया। कार्यशाला के अंत में समापन सत्र का आयोजन किया गया। उन्होंने महाविद्यालय के प्राध्यापकों को शोध के क्षेत्र में अधिक से अधिक योगदान हेतु प्रेरित किया ताकि महाविद्यालय आने वाले समय में नैक में ए ग्रेड प्राप्त कर एक आदर्श महाविद्यालय के रूप में स्थापित हो सके। इस अवसर पर कार्यशाला के संयोजक डॉक्टर राघवेंद्र प्रताप नारायण ने कार्य कार्यशाला की आख्या प्रस्तुत की। महाविद्यालय की आइक्यूएसी डायरेक्टर डॉ शिवानी श्रीवास्तव ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर पूनम वर्मा ने किया।

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