किसान नेता के खिलाफ गुण्डा एक्ट की कार्रवाई पर रोक

लखनऊ । हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक किसान नेता के खिलाफ गुण्डा ऐक्ट के तहत कारवाई सम्बंधी जिला प्रशासन लखनऊ के आदेशो पर अंतरिम रोक लगा दी है ।
न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकल पीठ ने यह आदेश किसान नेता तारा सिंह बिष्ट की याचिका पर दिया। इसमें जिला प्रशासन की तरफ से याची के खिलाफ गुण्डा ऐक्ट के तहत की गई कारवाई को चुनौती दी गई है।
याची के वरिष्ठ अधिवक्ता एचजीएस परिहार व वरुण चंद्रा की दलील थी कि याची का कोई सिध्धदोष आपराधिक इतिहास नहीँ है और वह किसान नेता है। पुलिस ने जो आपराधिक मामलों की सूची दी है उसमें 12 मामलों में याची निर्दोष साबित हो चुका है। दो मामलों में याची के खिलाफ सुबूत न मिलने पर इनमें अन्तिम रिपोर्ट लग चुकी है तथा एक मामला चेक बाउंस होने का है । याची की ओर से दलील दी गई कि पुलिस ने जानबूझकर परेशान करने के लिए याची के खिलाफ  गुण्डा एक्ट की कार्रवाई की है। उधर, याचिका का विरोध करे हुए अभियोजन का कहना था कि याची एक आपराधिक मष्तिष्क वाला व्यक्ति है और उससे समाज के लोगो मे डर व्याप्त है लिहाजा वह राहत देने लायक नहीं है।अदालत ने सुनवाई के गुण्डा एक्ट के तहत याची के खिलाफ जारी आदेशों के अमल पर अगले आदेशों तक रोक लगा दी। कोर्ट ने सरकारी वकील के आग्रह पर मामले में जवाबी हलफ़नामा दाखिल करने को 10 दिन का समय दिया है। इसके बाद हफ्ते भर में याची प्रति उत्तर दाखिल कर सकेगा। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 10 मार्च को नियत की है।

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