निर्धन बच्चों में शिक्षा की अलख जगा रही है यूनिका वेलफेयर फाउंडेशन

लॉकडाउन में संस्था ने जरूरतमंद लोगों को राशन, कपड़े, सैनिटाइजर एवं मास्क बांटा 

क्राइम रिव्यू

लखनऊ। शिक्षा के व्यवसायीकरण के दौर में गरीब परिवार के बच्चों को सेवा भाव से शिक्षित बनाने का जुनून समाज के लिए प्रेरणादायक है। मेरठ निवासी यूनिका चौधरी ऐसी ही एक महिला है जो पिछले तीन साल से गरीबों के बीच शिक्षा की अलख जगा रही हैं। वह अपनी संस्था यूनिका वेलफेयर फाउंडेशन के द्वारा निर्धन परंतु प्रतिभावान छात्रों की उच्च शिक्षा के साथ-साथ मलिन बस्तियों एवं झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले छोटे बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था करती हैं। कोरोना महामारी के कारण मलिन बस्तियों में शिक्षण कार्य को बाधित होने पर यूनिका चौधरी के द्वारा इन सभी जगह पर जरूरतमंद लोगों को राशन, कपड़े, सैनिटाइजर एवं मास्क के वितरण किया गया। साथ ही सभी लोगों को कोरोना महामारी से लड़ने के प्रति जागरूक  करने का कार्य निरंतर जारी है।

ग्रामीण परिवेश से आने के बाद  स्वयं उच्च शिक्षित होने पर निर्धन बच्चों को उच्च शिक्षा में आने वाली कठिनाइयों को देखने के बाद यूनिका चौधरी के मन में प्रतिभावान निर्धन बच्चों को शिक्षा दिलाने की लालसा जगी। विद्यालयों में जाकर कर बच्चों की काउंसलिंग करने के बाद जो भी छात्र होते हैं उनका विभिन्न प्रदेशों के विभिन्न विद्यालयों में उनकी योग्यता के हिसाब से बहुत ही कम फीस पर शिक्षा का प्रबंध किया जाता है।
यूनिका चौधरी कहती है कि गरीब बच्चों को शिक्षित बनाना ही उनका उद्देश्य है। वे ऐसे बच्चों के लिए जीवन समर्पित करना चाहती है। यूनिका अखिल भारतीय गऊ रक्षा महासंघ की महासचिव भी हैं, जिसमें कि गौ हत्या करने वालों के विरुद्ध अभियान चलाया जाता है।
 तीन सालों से लगातार दृढ़ संकल्प होकर कर रही हैं सेवा कार्य
यूनिका चौधरी का कहना है कि उन्हें बचपन से ही दूसरों की मदद करने की आदत है। धीरे धीरे वह बड़ी हुई और उनसे जो भी हो सका वह समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य करती गईं। करीब तीन वर्ष  पहले उन्होंने अपने काम को एक नई दिशा देने को सोचा और वर्ष 2018 में “यूनिका वेलफेयर फाउंडेशन ” नाम से एक संस्था बनाई। तब से लेकर आज तक स्लम बच्चों के साथ साथ निर्धन किंतु प्रतिभावान बच्चों को शिक्षित करने के रास्ते मे आगे बढ़ती जा रही हैं। यूनिका का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन हो जाने से  शिक्षण कार्य बाधित हो गया। ऐसी स्थिति में संस्था ने जरूरतमंद लोगों को राशन, कपड़े, सैनिटाइजर एवं मास्क के वितरण किया।

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