मासूम से रेप के मामले में सात दिन में चार्जशीट लगाने पर इस थाने की पुलिस को मिली थी सराहना

मड़ियांव में चार महीने की मासूम के साथ चचेरे भाई ने ही दरिंदगी के बाद कर दी थी हत्या
-अब जल्द सजा दिलाने के लिए पुलिस कर रही पैरवी
पंकज द्विवेदी
लखनऊ। हरदोई की रहने वाली एक महिला आज भी उस दिन को याद कर सिहर उठती है, जब वह अपनी चार महीने की दुधमुंही बच्ची के साथ मड़ियांव के फैजुल्लागंज के गणेश विहार कॉलोनी में होने वाली शादी समारोह में शामिल होने के लिए आई थी। तभी उसके रिश्ते के भतीजे ने बच्ची को उसकी गोद से खिलाने के बाहर चला गया था और वह बच्ची के साथ लापता हो गई।] स्थानीय लोगों ने आरोपी को झाड़ियों में बच्ची के साथ दरिंदगी करते हुए पकड़ा। इसके बाद मौके पर पहुंचे परिजनों का बच्ची की हालत देख आक्रोश बढ़ गया था। पुलिस गिरनेताल में सामने आया कि भतीजे ने ही यह घिनौनी हरकत की थी। इस केस को मड़ियांव पुलिस ने इतनी गंभीरता से लिया कि आरोपी के खिलाफ अपहरण, रेप, हत्या और पॉक्सो ऐक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कर उसे 12 घंटे में जेल भेज दिया गया और उसके खिलाफ सात दिन के अंदर चार्जशीट भी कोर्ट में दाखिल की गई।अब पुलिस आरोपी को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए पुलिस कोर्ट में पैरवी भी कर रही है।
यह घटना हुई 
 हरदोई के थाना अतरौली क्षेत्र के निवासी राजकुमार मिश्रा परिवार के साथ फजुल्लागंज में रहते हैं। 16 फरवरी को उनकी बेटी की शादी गणेश विहार कॉलोनी स्थित एसआर पैलेस में हुई थी। शादी में शामिल होने के लिए अन्य ग्रामीणों के साथ चार महीने की मासूम भी अपनी मां के साथ आई थी। शाम करीब सात बजे मासूम को उसका चचेरा भाई (35) मां से यह कह कर ले लिया कि वह उसे गोद में खिलाएगी। पीड़ित मां के मुताबिक आरोपी काफी देर तक बच्ची को उसी आसपास दुलराता रहा। इस दौरान वह अन्य मेहमानों के साथ व्यस्त हो गया। केवल आरोपी उसकी बच्ची को लेकर मैरिज लॉन से बाहर चला गया।
चार घंटे बाद खून से लथपथ झाड़ियों में मिला
पीड़ित परिवारीजनों के मुताबिक शाम करीब सात बजे आरोपी बच्ची को लेकर गया गया है। काफी देर तक वापस न लौटने पर पुलिस को सूचना देने के साथ ही उसकी तलाश शुरू की गई। आरोपी मोबाइल पर कॉल भी रिसीव नहीं कर रहा था। इस दौरान रात लगभग 11 बजे मैरिज लॉन से करीब 200 मीटर दूर खाली प्लॉट में झाड़ियों के बीच से बच्ची की रोने की आवाज आने से पास का ही रहने वाला व्यक्ति मौके पर पहुंच गया। जहां मासूम के साथ आरोपित को हैवानियत करते देख उसे दबोच लिया। इसके बाद आरोपी के मोबाइल से ही थोड़ी देर पहले आई मिसकॉल पर कॉल बैक कर घटना की जानकारी दी गई।
पुलिस और डॉक्टरों को गुमराह करते हुए परिवारीजन
 घटना के दौरान ही आसपास के लोगों ने आरोपी को भी दबोच कर परिवारीजनों को सौंप दिया था। लेकिन परिवारीजनों की लापरवाही के कारण आरोपी भाग निकला। इसके बाद बच्ची को विवेकानंद अस्पताल ले जाया गया। यहां भी परिवारीजन डॉक्टरों को काफी देर तक गुमराह करते रहे। खून निकलने की बात पर कांटे चुभने का तर्क देते हैं। लेकिन प्रारंभिक जांच में डॉक्टरों को रेप की आशंका होने पर पुलिस को सूचना दी गई। इसके अलावा उनकी हालत नाजुक होने पर डॉक्टरों ने ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। जहां सुबह करीब 4:30 बजे उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने ज्यादा खून बहने से मौत होने की पुष्टि की थी।
परिवारीजन मुकरे तो पुलिस ने साक्ष्यों का लिया सहारा
इस मामले में पुलिस के सामने उस वक्त तक समस्या आ खड़ी हुई थी जब बच्ची के परिवारीजनों ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने से मना कर दिया था। इसके बावजूद पुलिस ने सूझबूझ से काम लिया और साक्ष्यों को आधार बनाकर सात दिन के अंदर चार्जशीट दाखिल कर दी। तत्कालीन इंस्पेक्टर मड़ियांव विपिन कुमार सिंह ने बताया कि जब पुलिस को इतनी लग की परिजन कोर्ट में गन्द्यता देने से मुकर करेगा तो उन्होंने किसी को केस में गवाह नहीं बनाया बल्कि पोस्टमार्टम करने वाले डॉ।, फॉरेंसिक अपार्टमेंट के अलावा अन्य वैज्ञानिक साक्ष्यों को आधार बनाया। अब जल्द ही सजा पाने के लिए पुलिस की ओर से कोर्ट में पैरवी की जा रही है।

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