यूपी बोर्ड परीक्षा स्थगित होने पर सामाजिक संगठनों ने किया स्वागत

क्राइम रिव्यू
लखनऊ। कोरोना के संक्रमण के बढ़ते प्रभाव व राजनैतिक पार्टियों, संगठनो व अभिभावकों की मांग को देखते हुए यूपी सरकार ने 10वीं व 12वीं  बोर्ड परीक्षा टाल दी है। सरकार के इस निर्णय को लेकर लोगों ने कुछ इस तरह अपनी राय दी है..
एक अभिभावक  एवं समाज सेवक होने के नाते मेरे विचार से सरकार द्वारा परीक्षाओं को स्थगित करने का फैसला बिल्कुल सही है जैसा कि हम सभी देख रहे हैं कि इस बार कोरोनावायरस बहुत ही खतरनाक रूप में हमारे बीच में हैं वैक्सीनेशन के बावजूद बहुत से लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं एवं अपनी जान गवा रहे हैं कोई भी ऐसी वैक्सीन नहीं है जो कि 18 वर्ष की आयु के लोगों को दी जाए और हमारे छात्र इसी आयु वर्ग के हैं  और आने वाले भारत का भविष्य हैं इसलिए यह अत्यंत आवश्यक हो जाता है कि हम इन छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ही निर्णय लें और इस उम्र में बच्चे थोड़े लापरवाह भी होते हैं  अतः उनको घर में रोक के रखना ही सही उपाय है इस कारण से मैं सरकार के द्वारा परीक्षाओं को स्थगित करने के निर्णय का स्वागत करता हूं।
हेमन्त भसीन, उपाध्यक्ष, एल्डा फाउंडेशन
परीक्षाएं रद्द करने का निर्णय बहुत ही सही रहा। इस देश के स्टूडेंट्स इस देश का भविष्य है और सरकार ने इस देश के भविष्य की रक्षा इन परीक्षाओं को रद्द करके की है। कक्षा दसवीं की परीक्षाएं प्रत्येक छात्र के भविष्य पर उतना प्रभाव नहीं डालते हैं। इसके अतिरिक्त नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अनुसार कक्षा दसवीं में बोर्ड एग्जाम नहीं लिए जाएंगे। इस हिसाब से परीक्षाएं रद्द करके यह वायरस के खिलाफ युद्ध करने का सराहनीय प्रयास रहा। यदि परीक्षाएं होती तो जितने भी एग्जाम सेंटर है वह एक हॉटस्पॉट बन जाते और देश के एक्टिव कोरोनावायरस केसो की संख्या बहुत अधिक बढ़ जाती। मान लीजिए कोई छात्र बोर्ड एग्जाम लिखने जाता जिसके पश्चात वह छात्र कोरोना पॉजिटिव हो जाता। इन परिस्थितियों में वह छात्र/छात्रा बाकी बचे परीक्षाएं ना दे पाता/पाती और उसके साथ घोर अन्याय होता।
     ओम सिंह, मनोवैज्ञानिक, सोशल एक्टिविस्ट
सरकार व बोर्ड का सही समय पर लिया गया उचित निर्णय। जिसके लिए सरकार व बोर्ड अधिकारियों का आभार। कोविड-19 की भयाभय स्थिति को देखते हुए सरकार ने यह सराहनीय कदम उठाया। जीवन से बढ़ कर कुछ भी नहीं। इस निर्णय से बच्चों के अभिभावकों की भी चिंता समाप्त हो गई।
   विवेक शर्मा, उपाध्यक्ष, लखनऊ जनकल्याण महासमिति
यूपी बोर्ड परीक्षा संक्रमण के कारण टलीं गई उसका स्वागत है। लेकिन जो हर जगह चुनाव हो रहे हैं, इस पर भी रोक लगाई जाए। क्योंकि परीक्षा में तो विद्यार्थी ही भागीदारी होते हैं और चुनाव में जनता की भागीदारी अधिक से अधिक होती है। अभी नगर शहरों में संक्रमण की तेज रफ्तार है व चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अपने-अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए शहर के लोग चुनाव लड़ाने जाएंगे। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण बहुत तेजी से फैल सकता है सरकार से निवेदन है कि चुनाव टले जाएं और जनता को संक्रमण पीड़ित होने से रोका जा सके।
 शैलेन्द्र वर्मा, सयुवजन सभा के राष्ट्रीय सचिव
जैसा कि आप सबको विदित है कि हम अभी कितनी कठिन परिस्थितियों से गिरे हुए हैं यह करोना महामारी ने हम सबको बुरी तरह से घेर रखा है, ऐसे में हर मां बाप का यही उत्तरदायित्व होता है कि उसका बच्चा इस महामारी का शिकार ना हो। परीक्षा टालने से बच्चे के भविष्य पर कुछ प्रश्न चिन्ह तो लग सकता है, लेकिन बच्चे का स्वास्थ्य माता-पिता की प्राथमिकता है। मैं राज सरकार के इस निर्णय का स्वागत करती हूं कि परीक्षा की तिथि कुछ समय के लिए टाल दी गई हैं।
   कल्पना कटियार, सामाजिक कार्यकर्ता
प्रदेश सरकार द्वारा यूपी बोर्ड की परीक्षा को स्थगित करने का निर्णय स्वागत योग्य है। इससे अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित अभिभावकों को राहत मिली है। सरकार द्वारा प्रदेश में पंचायत चुनाव को भी रद्द किया जाना चाहिए। जिससे शिक्षकों को कोरोना से बचाया जा सके। शिक्षकों के भी संक्रमित होने के विषय पर भी सरकार को विचार करना चाहिए।
पीयूष मिश्रा, सामाजिक कार्यकर्ता

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