वरिष्ठ आईपीएस मुकुल गोयल ने संभाला यूपी डीजीपी का पद, बोले-कानून व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाना ही उनकी प्राथमिकता

पद ग्रहण करने से पहले हनुमान सेतु मंदिर पहुंचकर लिया बजरंगबली का आशीर्वाद

क्राइम रिव्यू

लखनऊ। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी मुकुल गोयल ने उत्तर प्रदेश के नये पुलिस महानिदेशक के रूप में शुक्रवार को कार्यभार संभाल लिया।1987 बैच के आईपीएस अधिकारी मुकुल गोयल इससे पहले बीएसएफ में अतिरिक्त महानिदेशक (अभियान) के पद पर तैनात थे।डीजीपी मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में मुकुल गोयल ने कहा कि कानून व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाना ही प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि अपराध नियंत्रण जनता की मदद के बिना संभव नहीं है। जनता की मदद से ही क्राइम कंट्रोल हो सकता है। पुलिस को और संवेदनशील बनकर जनता के पास जाना होगा।

छोटे-छोटे अपराधों की अनदेखी बड़ी घटनाओं को देती है जन्म : गोयल

नए डीजीपी ने कहा कि कई बार छोटे-छोटे अपराधों की अनदेखी बड़ी घटनाओं को जन्म देती है। पुलिसकर्मियों को अधिक संवेदनशील होकर हर छोटी घटना में करवाई का संदेश भी देना होगा। वह चाहेंगे कि अधिकारी फील्ड में जाएं और थाना स्तर पर पीड़ितों की सुनवाई और कार्रवाई की समीक्षा करें।

डीजीपी मुकुल गोयल ने कहा कि कानून व्यवस्था को बनाए रखना चुनौती है। उन्होंने पुलिसिंग में तकनीकी के और अधिक समावेश पर विशेष जोर देने की बात भी कही। कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड पर मुकुल गोयल बोले कि कुछ छोटी गलतियों की वजह से इतनी बड़ी घटना हुई थी। कई वर्षों से अपराधियों और कुछ पुलिसकर्मियों के बीच गठजोड़ बना था, जिसे ठीक ढंग से देखा नहीं गया।हनुमान सेतु मंदिर पहुंचकर लिया बजरंगबली का आशीर्वाद

इससे पहले शुक्रवार सुबह नवनियुक्त डीजीपी मुकुल गोयल नई दिल्ली से लखनऊ के चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे। वह एयरपोर्ट से सीधे हनुमान सेतु मंदिर पहुंचे। वहां पर दर्शन-पूजन के बाद वह लोक भवन गए। वहां उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ करीब आधा घंटा तक मुलाकात की। इसके बाद वह सिग्लेचर बिल्डिंग के लिए रवाना हो गए।

यूपी के मुजफफरनगर के है निवासी

उत्तर प्रदेश के मुजफफरनगर के रहने वाले गोयल का जन्म 22 फरवरी 1964 को हुआ था। उन्होंने आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की। गोयल उप्र के कई शहरों में पुलिस अधीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इनमें जालौन, मैनपुरी, हाथरस, गोरखपुर, वाराणसी, सहारनपुर और मेरठ शामिल हैं।

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