विशेषज्ञ बोले, चुनौतियों का सामना करने के लिए छात्र खुद को मानसिक रूप से मजबूत करें

विश्व फार्मासिस्ट दिवस के अवसर पर आर्यकुल कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी एंड रिसर्च के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय सेमिनार

क्राइम रिव्यू
लखनऊ। विज्ञान भारती अवध प्रान्त ने विश्व फार्मासिस्ट दिवस के अवसर पर आर्यकुल कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी एंड रिसर्च के संयुक्त तत्वावधान में स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव के दौरान राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से किया। इस अवसर पर आर्यकुल ग्रुप ऑफ़ कॉलेज के संरक्षक डॉ सशक्त सिंह नें अथिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम के सन्दर्भ में बताया।प्रिंसिपल डॉ डीएम त्रिपाठी एवं प्रोफेसर एनके अग्रवाल नें फार्मेसी के क्षेत्र में कैरियर की संभावनाओं के बारे में विद्यार्थियों को बताया। नॉटिंघम यूनिवर्सिटी के डॉ ताहिर अंसारी नें बेहतर स्वास्थ्य के लिए फार्मासिस्टों द्वारा सुरक्षित और प्रभावी दवा के लिए हाल की जिम्मेदारियां और चुनौतियां के सन्दर्भ में जानकारी दी। विशिष्ट अतिथि विज्ञान भारती के महासचिव प्रोफेसर सुधीर भदोरिया ने कोरोना काल में फार्मासिस्ट की उत्तम भूमिका को रेखांकित किया। एनबीआरआई एवं आईआईटीआर के निदेशक एवं विज्ञान भारती अवध प्रांत के अध्यक्ष डॉ सरोज बारिक नें फ़ायटोफार्मास्यूटिकल मिशन के क्रियान्वन एवं इसकी महत्ता के विषय में बताया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एम्स नईदिल्ली के प्रोफेसर वाय के गुप्ता ने छात्रों से आह्वान किया की वो चुनोतियों का सामना करने हेतु अपने को मानसिक रूप से मजबूत करें, अपने को रोजगार के पीछे भागने वाला नहीं, अपितु स्टार्टअप के माध्यम से रोजगार सृजन करने वाला बनायें। अपने अन्दर देश को फार्मेसी के क्षेत्र में आगे ले जाने कि चेतना जगाएं।कार्यक्रम में उपस्थित सभी विशेषज्ञों का यह मानना रहा कि भारत विश्व कि फार्मेसी के रूप में उभरा है, कोरोनाकाल में नई दवाओं को बनाने से लेकर भारत मै ही विभिन्न वैक्सीन के रिसर्च एवं उत्पादन में यहाँ के चिकित्सक, वैज्ञानिकों एवं फार्मासिस्ट की महती भूमिका रही है। सभी का यह भी मानना है कि इस क्षेत्र में कई चुनोतियां होने के साथ साथ  अपार संभावनाएं भी हैं। मिस्टर तरुण गुप्ता नें अपने स्टार्टअप के माध्यम से एक उपयोगी एप बनाया है जिसके द्वारा मरीज़ को डॉक्टर की सलाह के बारे में घर बैठे ही पता चल जाता है। छात्रों की इस विषय से संबंधित जिग्याषाओं का सभी विशेषज्ञों ने उत्तर देकर समाधान किया। इस कार्यक्रम के आयोजन में विज्ञान भारती अवध प्रांत के संगठन मंत्री श्रेयांश मंडलोई, महासचिव डॉ रजनीश चतुर्वेदी, एवं बाल किशन सिंह ने सक्रिय योगदान दिया।

इस कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में विद्यार्थी, शिक्षक, वैज्ञानिक, शोध छात्र, प्रांत एवं जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारी डॉ राजकमल श्रीवास्तव, मनीष पांडे, डॉ रामबालक सिंह, डॉ अमिताभा यादव, डॉ विनय सिंह, डॉ उमाशंकर, डॉ अनिल कुमार, आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का सञ्चालन नेहा वर्मा व प्रोफेसर आदित्य सिंह ने धन्यवाद दिया।

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