सफलता के लिए आईआईटी छात्रों को पीएम मोदी ने दिया ‘सेल्फ थ्री’ का मंत्र

आईआईटी खड़गपुर के दीक्षांत समारोह में पीएम ने कहा कि '21वीं सदी के भारत की स्थिति के साथ भी जरूरते और अकांक्षाएं भी बदल गई हैं।

क्राइम रिव्यू
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को आईआईटी खड़गपुर दीक्षांत समारोह में छात्रों से कहा कि ‘जीवन के मार्ग पर बढ़ते समय आपके सामने कई सवाल भी आएंगे। ये रास्ता सही है, गलत है, नुकसान तो नहीं हो जाएगा, समय बर्बाद तो नहीं हो जाएगा? ऐसे बहुत से सवाल आएंगे। इन सवालों का उत्तर है- सेल्फ थ्री ( Self Three ) – Self-awareness, Self-confidence और Selflessness । यानी आप आत्म-जागरूकता, आत्मविश्वास और निस्वार्थ भाव से आगे बढ़ें।’
पीएम मोदी ने कहा कि इंजीनियर होने के नाते एक क्षमता आप में विकसित होती है और वो है चीजों को पैटर्न से पेटेंट तक ले जाने की क्षमता। यानी एक तरह से आपमें विषयों को ज्यादा विस्तार से देखने की दृष्टि होती है।
प्रधानमंत्री ने उत्तरांखड में ग्लेशियर टूटने के कारण हुई त्रासदी का जिक्र करते हुए कहा, ‘हमें आपदा का सामना करने में समक्ष बुनियादे ढांचे में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।’
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के दौरान आईआईटी द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी एवं सॉफ्टवेयर ने महामारी से लड़ने में बहुत मदद की। अब आपको हेल्थ टेक के फ्यूचरिस्टिक सोल्यूशंस को लेकर भी तेज़ी से काम करना है।
पीएम मोदी ने कहा कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स हो या फिर मॉडर्न कंस्ट्रक्शन टेक्नॉलॉजी, आईआईटी खड़गपुर प्रशंसनीय काम कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘आपके हाथ में सिर्फ डिग्री ही नहीं, आंकाक्षा पत्र भी है। इस कैंपस से निकलकर आपको सिर्फ अपना नया जीवन ही स्टार्ट नहीं करना है, बल्कि आपको देश के करोड़ों लोगों के जीवन में बदलाव लाने वाले स्टार्ट अप भी बनाने हैं। इसलिए ये जो डिग्री, ये जो मेडल आपके हाथ में है, वो एक तरह से करोड़ों आशाओं का आकांक्षा पत्र है, जिन्हें आपको पूरा करना है।’
उन्होंने कहा, ‘आप सभी, साइंस, टेक्नॉलॉजी और इनोवेशन के जिस मार्ग पर चले हैं, वहां जल्दबाज़ी के लिए कोई स्थान नहीं है। आपने जो सोचा है, आप जिस इनोवेशन पर काम कर रहे हैं, संभव है उसमें आपको पूरी सफलता ना मिले। लेकिन आपकी उस असफलता को भी सफलता ही माना जाएगा, क्योंकि आप उससे भी कुछ सीखेंगे। सरकार ने मैप और Geospatial Data को कंट्रोल से मुक्त कर दिया है। इस कदम से Tech Startup Ecosystem को बहुत मजबूती मिलेगी। इस कदम से आत्मनिर्भर भारत का अभियान भी और तेज होगा। इस कदम से देश के युवा स्टार्ट अप्स और इनोवेटर्स को नई आजादी मिलेगी।’
पीएम ने कहा, ’21वीं सदी के भारत की स्थिति भी बदल गई है, ज़रूरतें भी बदल गई हैं और अकांक्षाएं भी बदल गई हैं। अब आईआईटी संस्थानों को इंडियन इंस्टीट्यूट्स ऑफ टेक्नॉलॉजी ही नहीं, Institutes of Indigenous Technologies के मामले में अगले लेवल पर ले जाने की जरूरत है।’

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