महाशिवरात्रि पर्व 2021: 11 मार्च को मनाया जाएगा पर्व, जानें पर्व का महत्व और पूजा विधि

क्राइम रिव्यू विशेष
लखनऊ। महाशिवरात्रि का पर्व 11 मार्च 2021 को है। इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। उनका आशीर्वाद पाने के लिए महाशिवरात्रि का व्रत किया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रति वर्ष फाल्गुन माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस शुभ दिन पर मां पार्वती के संग देवों के देव महादेव शिव का विवाह हुआ था। एस्ट्रोलॉजर विवेक (जयपुर) बता रहे हैं महाशिवरात्रि का व्रत विधि और धार्मिक महत्व-
महाशिवरात्रि पर पौराणिक कथा
महाशिवरात्रि हिंदुओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि सृष्टि का प्रारंभ इस दिन से हुआ। पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन सृष्टि का आरंभ अग्नि लिंग के उदय से हुआ। महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का मिलन हुआ था। इसीलिए इस दिन को महाशिवरात्रि कहा जाता है। जिन लोगों के विवाह में किसी भी प्रकार की बाधा आ रही है, उनके लिए महाशिवरात्रि का पर्व विशेष फलदायी माना गया है।
महाशिवरात्रि की पूजा-

महाशिवरात्रि की पूजा के लिए सूर्योदय के समय उठ कर स्नान करें और भगवान शिव को दूध से या जल से अभिषेक करें। शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा व धतूरे के फूल चढ़ाएं। शिवजी की आरती करें। शिव जी की परिवार की पूजा करें। यानी शिव परिवार की पूजा करें। शिवजी का जलहरि सदैव उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए और पूजा करते समय काले व नीले वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। पूजा का आसन पीला होना चाहिए। लाल भी रखा जा सकता है। सच्चे मन से भगवान शिव को जल या दूध चढ़ाने से मनवांछित फल की पूर्ति होती है।
महाशिवरात्रि के व्रत से मिलते हैं कई लाभ

धार्मिक मान्यता के अनुसार, महाशिवरात्रि का व्रत रखने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह व्रत पापों से मुक्ति दिलाता है। व्रत रखने वाले व्यक्ति की आत्मा शुद्ध हो जाती है। जो अविवाहित जातक हैं और मनचाहा वर पाना चाहते हैं तो महाशिवरात्रि का व्रत बेहद फलदायी माना जाता है। वहीं अगर किसी कन्या की शादी में बाधाएं आ रही हैं तो उसे यह व्रत जरूर रखना चाहिए। इस व्रत के माध्यम से उसकी समस्या हल हो जाएगी। यह व्रत दांपत्य जीवन में खुशियां लाता है।
महाशिवरात्रि के व्रत से मिलते हैं कई लाभ
धार्मिक मान्यता के अनुसार, महाशिवरात्रि का व्रत रखने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह व्रत पापों से मुक्ति दिलाता है। व्रत रखने वाले व्यक्ति की आत्मा शुद्ध हो जाती है। जो अविवाहित जातक हैं और मनचाहा वर पाना चाहते हैं तो महाशिवरात्रि का व्रत बेहद फलदायी माना जाता है। वहीं अगर किसी कन्या की शादी में बाधाएं आ रही हैं तो उसे यह व्रत जरूर रखना चाहिए। इस व्रत के माध्यम से उसकी समस्या हल हो जाएगी। यह व्रत दांपत्य जीवन में खुशियां लाता है।
श्रंगार करने से शिव जी होते हैं प्रसन्न
महाशिवरात्रि पर मनपसंद वर की चाहत रखने वाली कन्याओं को भगवान शिव का श्रंगार करना चाहिए। भगवान शिव का पुष्प और उनकी मन पसंद चीजों से श्रंगार करना चाहिए. ऐसा करने से भगवान शिव की आर्शीवाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का अभिषेक करने से भी लाभ मिलता है। इस दिन भगवान शिव का दूध,दही, घी, शहद और शक्कर आदि से अभिषेक करना चाहिए। इस दिन भगवान शिव को पांच बेल पत्री भी चढ़ाएं।
महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ आप सभी की मनोकामनाओं की पूर्ति करें।
Astrologer VIVEK
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