माउंट कुन पर तिरंगा फहराकर अमित कुमार ने बढ़ाया यूपी का मान

13 अगस्त को 7077 मीटर ऊंचे माउंट कुन पर फहराया भारतीय ध्वज

क्राइम रिव्यू
विवेक पाण्डेय
लखनऊ। अमित कुमार ने 13 अगस्त को 7077 मीटर ऊंचे माउंट कुन पर भारतीय ध्वज तिरंगा फहराकर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। उनकी इस उपलब्धि पर उनके सहयोगी बैंककर्मी भी बहुत खुश हैं।
इंदिरा नगर, लखनऊ निवासी अमित कुमार बैंक ऑफ बड़ौदा में वरिष्ठ प्रबंधक के पद पर आंतरिक लेखा परीक्षण विभाग में कार्यरत है। अमित बताते हैं कि यह सफर इतना आसान नहीं था। अभियान में जाने से पहले वह मई में करोना की चपेट में आ गए थे। इस कारण वह शारीरिक रूप से कमजोर भी हो गए थे। इसका असर उनके दैनिक अभ्यास पर भी पड़ा।
लेकिन ऊंचे पहाड़ों के प्रति दीवानगी ने उनके हौसलों को कम नही पड़ने दिया। बीमारी से निजात मिलते ही उन्होंने अपना अभ्यास दोबारा शुरू किया और लद्दाख की दुर्गम पहाड़ी माउंट कुन पर चढ़ने के लिए खुद को तैयार किया।अमित ने तीन अगस्त को माउंट कुन पर चढ़ाई शुरू की।
कई बार आईं विषम पस्थितियां, पर नहीं मानी हार
अमित ने बताया कि पहाड़ पर चढ़ते समय कई बार विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। लेकिन पहाड़ों के कदमो से नापने की ललक के कारण हिम्मत नहीं छोड़ी। अमित बताते हैं कि वह आखिरी चढाई चढ़ रहे थे। समय रात के करीब 11 बजा था। इसी बीच उनके हेड लैम्प ने काम करना बंद कर दिया। चारों ओर अंधेरा हो गया। अंधेरे में कुछ भी देख पाना सम्भव नहीं हो रहा था। यही नहीं, तेज हवाओं के कारण उनके दाहिने हाथ का दास्ताना भी कही गिर गया। लेकिन मैं अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता रहा। आखिर 13 अगस्त का वह दिन भी आ गया जब उन्होंने 7077 मीटर ऊंचे माउंट कुन पर तिरंगा फहरा दिया।
वर्ष 2017 में ट्रेकिंग के दौरान ऊंची चोटियों पर चढ़ने का निश्चय किया
अमित ने बताया कि पहली बार जब वह 2017 में रूपकुण्ड ट्रेक पर गये तो ऊँची चोटियों को देखकर के इन ऊंची चोटियों पर चढ़ने का निश्चय किया। हालांकि यह सफर उनके लिए आसान नहीं था। अमित का एक समय वजन लगभग 115 किग्रा था।इसके बावजूद उन्होंने स्वयं को शारीरिक व मानसिक रूप से स्वयं को तैयार किया।
अब माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने का लक्ष्य
निकट भविष्य में अमित का इरादा माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने का है। अमित का सपना विश्व की 14, 8000 मी0 से ऊँची चोटी पर तिरंगा फ़हरा कर अपने देश का नाम रोशन करना है। अमित बताते है कि उन्होंने पर्वतारोहण का कोई भी औपचारिक प्रशिक्षिण नहीं लिया है। वर्ष 2019 वह दार्जिलिंग स्थित हिमालयन माउण्टेरिग इंस्टिट्यूट में प्रशिक्षण के लिये गये थे, किन्तु पिता के स्वर्गवास हो जाने के कारण उन्हें प्रशिक्षण अधूरा छोड़ कर वापस आना पड़ा था।
सफलता में पत्नी का बड़ा रोल

अमित की पत्नी भावना भी बैंक ऑफ़ बड़ोदा में सह प्रबंधिका के पद पर कार्यरत हैं। अमित अपनी उपलब्धि में पत्नी भावना का बहुत बड़ा सहयोग मानते हैं। उनका कहना है कि 10 से 15 दिन के लिए ट्रैकिंग पर जाने के बाद भी वह बैंक का काम करने के बाद एक साल के बेटे की देखभाल बखूबी करती हैं। इस कारण वह अपने सपने को पूरा कर पा रहे हैं।

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