मुकदमा दर्ज होते ही शायर मुनव्वर राना के बदले सुर, बोले- तालिबान जंगली कौम है, मै तो मोदी से इश्क करता हूं

मुनव्वर राना ने कहा कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया,हिंदुस्तान की मिट्टी ने बनाया मुझे शायर

क्राइम रिव्यू
लखनऊ। शायर मुनव्वर राना के सुर हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज होते ही बदल गए हैं। सोशल मीडिया में उनके बयान को लेकर हो रहे विरोध के बाद अब उन्होंने अपने बयान पर सफाई दी है। उनका कहना है कि मेरे बयानों को गंभीरता से न लिया जाए। ये बयान शायराना अंदाज में दिए थे। मुनव्वर राना ने कहा कि तालिबान एक जंगली कौम है और हिंदुस्तान एक मुल्क।
उन्होंने कहा कि मैं मोदी जी को पसंद करता हूं। मेरी कमजोरी है कि मैं तो मोदी जी से इश्क करता हूं। तालिबान से ज्यादा एक-47 हथियार तो हिंदुस्तान के माफियाओं के पास होने के बयान को भी गंभीरता से नहीं लेने की उन्होंने बात कही है।
बताते चले कि शायर मुनव्वर राना ने गुरुवार को कहा था कि तालिबानी लड़ाकों ने किसी मुल्क पर हमला नहीं किया बल्कि उन्होंने अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान में अपनी सैन्य ताकत के बलबूते जो सरकार बनाई गई थी उसे उखाड़ फेंका है। इस तरह तालिबान ने तो अपने मुल्क को आजाद कराया है। इसके अलावा उन्होंने कहा था कि तालिबान को आतंकवादी नहीं कह सकते, उन्हें अग्रेसिव (उग्र) कहा जा सकता है। रामराज को कामराज कहने और महर्षि वाल्मीकि पर टिप्पणी पर भी लोगों ने नाराजगी जताई थी। इसे लेकर हजरतगंज कोतवाली में मुनव्वर राना के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।
हिंदुस्तान की मिट्टी ने बनाया मुझे शायर
मुनव्वर राना ने कहा कि हिंदुस्तान तो जन्नत है। जन्नत न होता तो हमारा तो पूरा खानदान बंटवारे के समय पाकिस्तान चला गया। हम तो नहीं गए हिंदुस्तान से। उन्होंने कहा- मुझे शायर बनाया हिंदुस्तान की मिट्टी ने, मुझे इंसानियत सिखाई हिंदुस्तान की मिट्टी ने, मुझे अजान देना सिखाया हिंदुस्तान की मिट्टी ने। अब लोग कह रहे हैं कि मैं मुल्क छोड़कर पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान चला जाऊं। हिंदुस्तान से मुहब्बत का जो रिश्ता है वो इसलिए भी है कि हम इसे मादर-ए-वतन कहते हैं। ये मेरी मां का मुल्क है।
तोड़-मरोड़कर पेश किया मेरा बयान
मुनव्वर राना ने कहा कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। मैंने कहा था कि मोदी जी यदि मेरे साथ एखलाक (कानपुर में धर्मांतरण के नाम पर भीड़ द्वारा पीटा गया रिक्शा चालक) के घर चलें और उसके घरवालों के आंसू पाेंछें तो मैं उनके जूते तक उठाने को तैयार हूं। इस बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया कि मुनव्वर राना मोदी के जूते उठाने को तैयार हैं।

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