सीबीसीआईडी जांच में दो दरोगा समेत चार पुलिस कर्मी फंसे
-युवक व उसके नौकर पर फर्जी एफआईआर दर्ज कर भेजा गया था सलाखों के पीछे
-सीबीसी सदस्यों ने जांच में किया खुलासा, दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर
लखनऊ। अलीगंज थाना की गल्ला मंडी चौकी के पूर्व इंचार्ज नैपाल सिंह ने एक रिटायर्ड आईजी के बेटे के साथ इस कदर दोस्ती निभाई कि वह खाकी पहनने से पहले जनहित में खाई गई कसम के साथ ही इंसानियत को भी ताक पर रख दिया। आरोप है कि दरोगा ने पूर्व आईजी के बेटे के कहने पर एक युवक व उसके दिव्यांग नौकर पर गैंगस्टर सहित लगभग आधा दर्जन फर्जी मुकदमे लाद कर सलाखों के पीछे सड़ने पर मजबूर कर दिया। मामले की शिकायत शासन से होने पर सीबीसी हमलों की जांच में पुलिस की इस काले कारनामे का खुलासा हो गया है। इसके बाद सीबीसी मित्रों के इंस्पेक्टर आजाद सिंह केशरी की तहरीर पर गुरुवार को अलीगंज थाने में दरोगा नैपाल सिंह, दरोगा वीरभान सिंह, कॉन्स्टेबल पंकज राय और कांस्टेबल सुनील गिरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। जल्द ही सभी को बर्खास्त करने की भी कार्रवाई की जाएगी।
मड़ियांव के रामलीला मैदान निवासी पीड़ित मनीष मिश्रा ने बताया कि उन्होंने पूर्व आईजी पीसी प्रसाद के बेटे संतोष सिंह से सीतापुर रोड स्थित अहिबरनपुर में एक सितंबर 2012 को रेस्टोरेंट संचालित करने के लिए 12 हजार रुपये प्रति माह पर किराए पर दुकान ली थी। जिसे वह अपने नौकर इरफान उर्फ राजू के साथ मिलकर संचालित कर रहा था। मनीष के मुताबिक कुछ दिनों बाद दुकान खाली करने को लेकर संतोष से विवाद हो गया था। जिस पर संतोष ने कहा कि यदि दुकान खाली नहीं है तो उसे खरीदना पड़ेगा। बातचीत में दुकान का सौदा 30 लाख में तय हो गया। इसके बाद पीड़ित ने लगभग 24 लाख रुपये आरोपी को अडवांस दे दिए। लेकिन रजिस्ट्री करवाने से संतोष मुकर गया। दिए गए रुपये वापस मांगने पर वह अपने भाई अरविंद आदि के साथ मिलकर देने लगा। आरोप है कि संतोष ने गल्ला मंडी चौकी के पूर्व इंचार्ज रहे नैपाल सिंह से घर बुलाकर धमकी भी दिलवाई।
दिव्यांग ने दौड़ाकर पुलिस पार्टी पर की फायर, पुलिस ने दबोचा
पीड़ित मनीष ने बताया कि 15 जुलाई 2018 की सुबह करीब 6:45 बजे वह नौकर राजू के साथ सब्जी मंडी से सब्जी लेकर रेस्टोरेंट पर पहुंचा ही था कि दो बाइक से पहुंचे चार पुलिस कर्मी दोनों को चौकी यह कह कर ले आए की दरोगा जी ने कहा कहा जाता है। आरोप है कि चौकी पहुंचने पर चौकी इंचार्ज नैपाल सिंह ने दोनों को थर्ड डिग्री दी। इसके बाद दोनों को अलीगंज थाना ले गया गया। जहां दोनों के पास से दो अवैध असलहे बरामद दिखाए गए। पुलिस ने दावा किया कि दोनों को एटीएम लूट की योजना बनाते समय पकड़ा गया। पकड़ते समय आरोपियों ने पुलिस पार्टी पर दौड़ाकर फायर कर दी थी। जबकि आरोपी राजू एक पैर से विकलांग है, जो कि ठीक से चल भी नहीं सकता था। पुलिस ने दोनों पर थाना क्षेत्र में हुई एक चोरी का भी फर्जी खुलासा कर दिया। चार महीने बाद जेल से वापस आने के बाद पुलिस ने दोबारा से दोनों को गिरफ्तार कर लिया और गैगस्टर ऐक्ट की कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया।
शादी का झांसा देकर यौन शोषण का लिखा गया फर्जी मुकदमा
पीड़ित मनीष के मुताबिक दोबारा जेल से छूट कर आने के बाद पुलिस ने एक महिला को आगे कर उससे शादी का झांसा देकर यौन शोषण सहित रुपये और जेवर हड़पने के तहत मड़ियांव थाने में फर्जी एफआईआर दर्ज करवा दी। हालांकि महिला को जब यह जानकारी हुई तो उसने पूर्वसीडीपी उत्तरी शालिनी सिंह को बयान दिया कि पुलिस वालों ने उससे जबरन ऐसी करने को कहा था, उसने सिर्फ कागजों पर साइन किए थे। इसके बाद इस मुकदमे को बंद किया गया।
अपने मकशद में कामयाब हो गए थे आईजी बेटे
पीड़ित मनीष के मुताबिक जब पुलिस ने उस पर कई झूठे मुकदमे दर्ज कर जेल भेजे। इसके बाद पूर्व आईजी के बेटे संतोष और अरविंद ने उसके रेस्टोरेंट का ताला तोड़कर कब्जा कर लिया था। इतना ही नहीं रेस्टोरेंट में रखा फ्रिज, एसी और बर्तन सहित काफी सामान को कम डाला गया। मामला पूर्व कमिश्नर सुजीत पांडेय के संज्ञान में आने के बाद आरोपी संतोष और अरविंद व अन्य के खिलाफ 17 जून 2020 को अलीगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कर आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने काफी सामान बरामद किया
था।
आदेश के बावजूद रिपोर्ट दर्ज करने में 15 दिन लग गए
सूत्रों के मुताबिक जांच के बाद सीबीसी न्यूज की ओर से 17 मार्च को कमिश्रर डीके ठाकुर को एफआईआर दर्ज करने के लिए रिपोर्ट सौंपी गई थी। इसके बावजूद जिम्मेदार अफसर टालमटोल करने में लगे हुए थे। सूत्रों का यह भी दावा है कि रिपोर्ट दर्ज होने से पहले आरोपित पुलिस कर्मी कोर्ट की शरण मे जाने की तैयारी में जुटे थे। काफी हीलाहवाली के बाद पुलिस ने गुरुवार को दोषी पुलिस कर्मियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की।
वर्जन
सीबीसी वीडियो के इंस्पेक्टर आजाद सिंह केशरी की तहरीर पर दरोगा नैपाल सिंह, वीरभान सिंह और सिपाही पंकज व मिथिलेश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। अखिलेश सिंह, एसीपी अलीगंज