ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी कोर्ट का बड़ा फैसला, मस्जिद के चप्पे चप्पे का होगा सर्वे, कोर्ट कमिश्नर भी नहीं हटाए जाएंगे

17 मई से पहले होगा ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे- कोर्ट

क्राइम रिव्यू
वाराणसी। वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के लिए नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाने से इनकार कर दिया है। तीन पन्ने के आदेश में कोर्ट ने कहा कि मस्जिद के चप्पे-चप्पे का सर्वे होगा। सर्वे का कार्य सुबह आठ बजे से 12 बजे तक चलेगा। तहखाने में लगे तालों को खोलकर या तोड़कर सर्वे का काम पूरा किया जाए। जिलाधिकारी भी इस मामले की निगरानी करेंगे। कोर्ट ने इस कार्रवाई को सख्ती के साथ पूरी करने का आदेश दिया है। साथ ही अदालत ने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा के अलावा विशाल कुमार सिंह और अजय सिंह को भी कोर्ट कमिश्नर बनाया है। यह दोनों लोग या दोनों में से कोई एक इस सर्वे के दौरान मौजूद रहेगा। साथ ही कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे रिपोर्ट 17 मई को सौंपने का निर्देश दिया है।
दरअसल, अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी की ओर से एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाए जाने की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी। इस पर तीन दिन तक बहस चलने के बाद वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर ने 11 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
ईमानदारी से किया काम: एके मिश्रा
श्रृंगार गौरी मामले में कोर्ट की ओर से नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा ने कहा, ‘उन्होंने इस मामले में पूरी ईमानदारी, और निष्ठा से काम किया है। ऐसे मामलों में लोगों की आपत्तियां आती रहती हैं जिसका निस्तारण करना कोर्ट का काम है। वहां पर ऐसा कोई काम नहीं हुआ, जिससे कोर्ट के किसी भी आदेश का उल्लंघन हुआ हो।’
मुस्लिम पक्ष की दलील
मुस्लिम पक्ष के वकील अभय यादव ने बताया कि मस्जिद का ताला खुलवाकर अंदर की वीडियोग्राफी कराने सम्बन्धी याचिका पर अदालत में करीब सवा दो घंटे तक बहस हुई थी। इसी याचिका को लेकर मुस्लिम पक्ष ने अपनी आपत्ति दर्ज करायी थी।
कहां होगी वीडियोग्राफी?
इस बीच, ज्ञानवापी मस्जिद की रखरखावकर्ता संस्था अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने मीडिया को बताया कि ज्ञानवापी मस्जिद के चारों तरफ बैरिकेडिंग लगी है और हिंदू पक्ष जिन दो तहखानों को खोलकर उनकी वीडियोग्राफी की बात कह रहा है वे मस्जिद के ठीक नीचे बने हैं। गौरतलब है कि विश्व वैदिक सनातन संघ के पदाधिकारी जितेन्द्र सिंह बिसेन के नेतृत्व में राखी सिंह तथा अन्य ने अगस्त 2021 में अदालत में एक वाद दायर कर शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों की सुरक्षा की मांग की थी।
छह मई को शुरू हुआ था सर्वे
सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पिछले महीने की 26 अप्रैल को अजय कुमार मिश्रा को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी और सर्वे करके 10 मई को अपनी रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था। वहीं एडवोकेट कमिश्नर मिश्रा ने वीडियोग्राफी और सर्वे के लिए छह मई का दिन तय किया था। ऐसे में मुस्लिम पक्ष ने बिना आदेश के ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी कराने की कोशिश का आरोप लगाते हुए कोर्ट द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर पर पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करने का आरोप लगाया था। ऐसे में कोर्ट के आज के आदेश के बाद इस केस में आगे क्या होगा पूरी तरह से ये साफ हो गया है।

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