श्रीनगर में आयोजित राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन 2022 में दिखा अनेकता में एकता का संदेश

राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन में 16 प्रदेशों से आये प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया

क्राइम रिव्यू
लखनऊ। लखनऊ की संस्था लोकरंग फाउंडेशन की ओर से कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में आयोजित राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन 2022 में विभिन्न प्रदेशों से आये प्रतिभागियों की प्रस्तुतियों ने अनेकता में एकता का संदेश दिखाई दिया। 5 जुलाई को आयोजित हुए सम्मेलन में जम्मू कश्मीर के अलावा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, बिहार समेत 16 राज्यों के ब्लॉगर्स व सांस्कृतिक कलाकारों ने प्रतिभाग किया।
लोकरंग फाउंडेशन से जुड़ी लोकगायिका और राजकीय बालिका इण्टर काॅलेज, विकासनगर की प्रधानाचार्या कुसुम वर्मा ने बताया कि पूरे भारत को भाषायी एकता में जोड़ने के लिए यह कार्यक्रम ” हिन्दी भाषा तथा भारतीय संस्कृति को जानें ” इस विषय पर केंद्रित रहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूनम राना प्रधानाचार्य राजकीय बालिका इण्टर काॅलेज, ज्वालापुर, हरिद्वार ने किया। कुसुम वर्मा ने राष्ट्रीय ब्लॉगर और इसके उद्देश्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हमारा देश अनेकता में एकता की मिसाल है। आपसी भाईचारे और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए कश्मीर को चुना गया। क्योंकि अब कश्मीर के लोगों की सोच बदलने की जरूरत है।
…उत्तर मा हिमगिरि कै देखो मस्तक ऊंचा सोहै
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण सांस्कृतिक संध्या रही। गायिका कुसुम वर्मा ने
“आपन देसवा कै बहरिया लखि के हुलसै हियरा
उत्तर मा हिमगिरि कै देखो मस्तक ऊंचा सोहै
कासमीर कै छटा निराली सब केर मनवा मोहै
शिकारा तैरावै झिलिया मा पनिया जामे गहरा।
समेत कई अवधी लोकगीत सुनाये और इन्द्रधनुषी रंग तब खिल उठा जब कश्मीरी नवयुवकों ने कश्मीर के पारम्परिक लोकगीतों तथा सूफ़ी संगीत से समां बांध दिया। लखनऊ से रवि सेठी तथा राकेश सेठी, गाजियाबाद से हेमेन्द्र तनेजा, गोरखपुर, पश्चिम बंगाल, कानपुर, आगरा, बिहार आदि शहरों से आये ब्लॉगर्स ने कविताएं एवं एक से बढ़कर एक गीत प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं पूनम राना ने अपनी राष्ट्र भाषा हिन्दी को समर्पित कविता सुनाकर किया। सम्मलेन का प्रभावशाली मंच संचालन गायिका कुसुम वर्मा ने किया।
कार्यक्रम में फेस्का ग्रुप के डायरेक्टर राजीव प्रकाश, आभा प्रकाश, मध्य प्रदेश राजभाषा के प्रतिनिधि प्रेरणा मंच के भारवि श्रीवास्तव,  इंजीनियर प्रतीक श्रीवास्तव, दिल्ली से भूपेंद्र शर्मा, हिमाचल प्रदेश के डाॅ अभिषेक मालवीय तथा डाॅ देवयानी, राजस्थान की अनुपमा तथा युवा छात्रा फेयरी ने राजभाषा के अधिकतम प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया।

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