मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ ईडी का दावा- फायदा पहुंचाने के लिए ली रिश्वत

क्राइम रिव्यू: दिल्ली शराब घोटाला मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ ईडी की चार्जशीट पर मंगलवार 30 मई को संज्ञान लिया. विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने सिसोदिया के खिलाफ एक जून के लिए पेशी वारंट जारी किया.

इसके पहले मंगलवार (30 मई) को दिल्ली हाई कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. कोर्ट ने सिसोदिया की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ लगे हुए आरोप काफी गंभीर है. जिसकी वजह से उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती है. जिसके बाद अब इस फैसले के खिलाफ सिसोदिया अब सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे. सिसोदिया ने अदालत में निचली अदालत के आदेश को 31 मार्च को चुनौती दी थी.

ईडी ने धनशोधन मामले में अपने नये आरोपपत्र में कहा है कि दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को आम आदमी पार्टी (आप) नेतृत्व विशेष रूप से पूर्व आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया काले धन की कमाई करने के लिए लाए थे. ईडी का कहना है मनीष सिसोदिया को उनके करीबी दिनेश अरोड़ा के जरिए रिश्वत मिली थी. कारोबारी अमित अरोड़ा को फायदा पहुंचाने के लिए मनीष सिसोदिया ने ये रिश्वत ली थी.

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ईडी ने सिसोदिया को इस मामले में नौ मार्च को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था जहां वह इस समय न्यायिक हिरासत में हैं. ईडी ने सिसोदिया पर जांच को रोकने और सबूत मिटाने के लिए डिजिटल सबूतों को नष्ट करने में शामिल होने का भी आरोप लगाया है. इससे पहले सिसोदिया को सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में कई दौर की पूछताछ के बाद सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. हालांकि दिल्ली ने इसे अब रद्द कर दिया है. सीबीआई भी मामले की जांच कर रही है.

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