अवैध सम्बन्ध का विरोध करने पर पत्नी को दे दिया तीन तलाक, मुस्लिम महिला विवाह अधिनियम संरक्षण के तहत मुकदमा दर्ज

आरोपी पति उ0प्र0 राज्य सेतु निगम में कार्यालय लिपिक, सहकर्मी महिला से अवैध सम्बन्ध का आरोप

क्राइम रिव्यू

लखनऊ। तीन तलाक की घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने तीन तलाक को लेकर कानून बना दिया, लेकिन उसके बाद भी तीन तलाक के मामले सामने आ रहे हैं। इसी कड़ी में एक मामला जानकीपुरम थाना क्षेत्र में सामने आया है, यहां रहने वाली पीड़िता ने पुलिस को शिकायत की कि उसके पति का अपनी साथी महिला कर्मी से अवैध सम्बंध है, जिसका विरोध करने पर पति ने मारपीट की और उसे तीन तलाक दें दिया। पीड़िता की शिकायत पर जानकीपुरम पुलिस ने मारपीट, साजिश व मुस्लिम महिला विवाह अधिनियम संरक्षण के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

इंस्पेक्टर जानकीपुरम कुलदीप सिंह गौर ने बताया कि जानकीपुरम सेक्टर 6 निवासी एक महिला के पति सैय्यद अहमद अली उ0प्र0 राज्य सेतु निगम लि लखनऊ मुख्यालय में स्थित काम्रिक-3 में
कार्यालय लिपिक के पद पर कार्यरत हैं। पीड़िता का आरोप है कि उसके पति का साथी महिला कर्मी के साथ अवैध सम्बन्ध है। पति महिला कर्मी के साथ तीन बार कार्यालय से भाग भी चुके हैं। पीड़िता ने बताया कि जब उसे पति के साथी महिला कर्मी से सम्बन्धों की जानकारी हुई तो वह निगम के प्रबन्ध निदेशक से मिली। जिसके बाद महिला का स्थानान्तरण हो गया। इससे नाराज मेरे पति ने घर में मेरे व बेटे के साथ मारपीट शुरू कर दी। पति ने कार्यालय भी जाना बन्द कर दिया था। 16 जून को पति ने करीब 1:30बजे सिगरेट लाने के लिए पैसे मांगे और बाहर निकल गये। गेट पर पहुंचकर मुझ पर चिल्लाते हुये पति ने कहा कि मैने तुम्हे तलाक दिया, तलाक दिया, तलाक दिया और तेज कदमों से चले गये।

कर्मचारी यूनियन के नेता पर मारपीट का आरोप

पीड़िता ने बताया कि घटना के समय वह घर में अकेली थी। उसका बेटा भाई के साथ टीकाकरण कराने गया था। उसने बेटे एवं ससुरालीजनो को फोन करके जानकारी दी। जिसके बाद पिता की तलाश में बेटा कार्यालय गया। जहां कर्मचारी यूनियन के नेता ने बेटे के साथ मारपीट की, जिसकी रिपोर्ट हजरतगंज थाने में दर्ज है।

घर के लैंडलाइन नम्बर से पति लगातार कर रहा था सहकर्मी महिला से बात

पीड़िता ने बताया कि जानकारी करने पर पता चला कि उसके पति घर के लैंडलाइन नम्बर से सहकर्मी महिला से लगातार बात करते थे। 16 जून को भी फोन से काल करके दोनों ने मुझे तलाक देने की षड़यन्त्र रचा और तलाक दे दिया। इंस्पेक्टर जानकीपुरम ने बताया कि पीड़िता की तहरीर पर पति व सहकर्मी महिला के खिलाफ मारपीट, साजिश व मुस्लिम महिला विवाह अधिनियम संरक्षण के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

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क्या है तीन तलाक

इस्लाम धर्म में तलाक के लिए कई तरीके हैं, जिनमें एहसान, हसन और तलाक-ए-बिद्दत (तीन तलाक) शामिल हैं. तीन तलाक में पति अपनी पत्नी को तीन बार तलाक बोलकर तलाक देता है और फिर वह इससे पलट नहीं सकता है. वहीं एहसान और हसन से पीछे हटा जा सकता है।

2017 में सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी रोक

साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक की प्रथा पर रोक लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार देते हुए इसे इस्लाम की शिक्षा के विरुद्ध बताया था।  पांच जजों की बेंच ने 3-2 से फैसला सुनाते हुए सरकार से तीन तलाक पर छह महीने के अंदर कानून लाने को कहा था।

तीन तलाक पर 3 साल की सजा का प्रावधान

इसके बाद सरकार तीन तलाक को लेकर बिल लेकर आई, जिसे राष्ट्रपति से मंजूरी के बाद 19 सितबंर 2018 से लागू किया गया। इस बिल में तीन तलाक को गैर कानूनी बनाते हुए 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान शामिल है।

 

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