लखनऊ कमिश्नरेट : छात्रों व उसके दोस्त के हमलावर नौ दिन बाद भी चिनहट पुलिस की पकड़ से दूर

पीड़ित ने पुलिस कमिश्नर को प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की, पुलिस पर हमलावरों को संरक्षण देने का लगाया आरोप

क्राइम रिव्यू
लखनऊ। चिनहट थाना क्षेत्र में दो छात्रों व बचाव में आये दोस्त के हमलावर नौ दिन बाद भी पुलिस की पकड़ से दूर है। हमलावर पीड़ित परिवार को बराबर धमकाकर मुकदमा वापस लेने का दबाव बना रहे है। चिनहट पुलिस द्वारा हमलावरों को पकड़ने में लापरवाही बरतने पर पीड़ित परिवार ने पुलिस कमिश्नर से प्रार्थना पत्र देकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
मुलायम नगर निवासी शाहरुख ने डीसीपी को दिए प्रार्थना पत्र में कहा कि उसके भाई मो आदिब व शाकिब दिशा सृजन पब्लिक इंटर कालेज, कमता ऑफिसर्स कॉलोनी में पढ़ते है। 17 अगस्त को स्कूल की छुट्टी के बाद अपरान्ह करीब दो बजे घर लौट रहे थे। उसी समय पहले से घात लगाए बैठे वैभव पांडेय, विशाल यादव, रौनक, सचिन, मेराज, पंकज सहित आधा दर्जन अज्ञात युवकों ने लोहे के रॉड के साथ उन पर हमला कर दिया। बीच बचाव में आये दोस्त मोनू को भी आरोपियों ने जमकर मारा। घटना में दोनों छात्र व मोनू गम्भीर रूप से घायल हो गए थे। शाहरुख न बताया कि पूरी घटना वहां लगे सीसीटीवी में कैद हो गई है। बावजूद इसके पुलिस ने फुटेज को देखना भी जरूरी नही समझा है। यही नही, पीड़ित की एफआईआर में विवेचक का नाम तक अंकित नहीं है। ऐसे में मामले की जांच कौन विवेचक है, इसकी भी जानकारी नहीं दी जा रही है। पीड़ित का आरोप है कि चिनहट पुलिस आरोपियों को पकड़ने के बजाय उन्हें संरक्षण दे रही है। हमलावरों को नाबालिग बताकर उच्चाधिकारियों को भी गुमराह कर रही है।
उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप पर दर्ज हुआ मुकदमा
शाहरुख ने बताया कि भाइयों पर हुए जानलेवा हमले के बाद उसने चिनहट पुलिस को घटना की पूरी जानकारी दी। आरोप है चिनहट पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने में हीलाहवाली की। मामला उच्चाधिकारियो के संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने मारपीट, बलवा व हत्या का प्रयास की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया।

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