आजादी का अमृत महोत्सव में बोले सीएम योगी- सभी अपने कार्यक्षेत्र में ईमानदारी से करे कर्तव्यों का निर्वहन, जिससे वर्ष 2047 में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना साकार हो सके

अमृत महोत्सव के शुभारंभ के मौके पर लखनऊ के अलावा मेरठ, झांसी और बलिया में भी हो रहे कार्यक्रम

क्राइम रिव्यू

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 12 मार्च, 1930  को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नेतृत्व में देश की आजादी के दीवानों ने सम्पूर्ण स्वाधीनता के लिए आन्दोलन शुरु किया था। उन्हीं स्मृतियों को ताजा करने के लिए आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गुजरात के ऐतिहासिक स्थल साबरमती आश्रम से इसका शुभारम्भ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर देश की आजादी का यह अमृत महोत्सव पूरे देश में हर्षाेल्लास के साथ आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री आज यहां काकोरी शहीद स्मारक के प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि वे अपने कार्यक्षेत्र में ईमानदारी से कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए 25 वर्ष की उस कार्ययोजना को मूर्तरूप दें, जिससे आजादी के 100 वर्ष पूर्ण होने पर, वर्ष 2047 में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना साकार हो सके।

 उन्होंने स्वतंत्रता आन्दोलन के नायक शहीद रामप्रसाद बिस्मिल, राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी, चन्द्रशेखर आजाद, रोशन सिंह, अशफाक उल्ला खां को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि भारत की जनता के पैसों का इस्तेमाल भारतीयों के दमन के लिये किया जा रहा था। तब आजादी के इन शूरवीरों ने काकोरी की घटना को अंजाम देकर अंग्रेज हुकूमत को चुनौती दी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 मार्च, 1930 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नेतृत्व में देश की आजादी के दीवानों ने अंग्रेजों के विरुद्ध बिगुल बजाया था।

मुख्यमंत्री ने देश की स्वाधीनता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले काकोरी की घटना के सभी अमर शहीदों को शत-शत नमन करते हुए कहा कि आज प्रदेश के मेरठ, बलिया, झांसी तथा लखनऊ में कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 1925 की काकोरी की घटना के महत्वपूर्ण स्थल पर आने का मुझे सौभाग्य प्राप्त हो रहा है।  4 फरवरी, 1922 को आजादी के आन्दोलन को नयी दिशा देने वाली चौरी चौरा की ऐतिहासिक घटना भी हुई थी। इस घटना के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में एक वर्ष तक चलने वाले चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव का शुभारम्भ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कर कमलों से किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के आन्दोलन की जितनी भी तिथियां हैं, अगले एक वर्ष के दौरान प्रत्येक घटना की स्मृति में हर शहीद स्मारक पर प्रदेश सरकार के स्तर पर जनसहभागिता के साथ आजादी के ज्ञात व अज्ञात शहीदों के स्मरण हेतु कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह आजादी अचानक नहीं मिली है। आजादी के लिए काफी संघर्ष किया गया है। उस समय की युवा पीढ़ी ने अपना बलिदान दिया। माताओं और बहनों ने आजादी के आन्दोलन से जुड़कर एक नयी दिशा देने का कार्य किया।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, उ0प्र0 तथा सूचना मंत्रालय, भारत सरकार के प्रेस इन्फॉरमेशन ब्यूरो के सहयोग एवं उ0प्र0 राजकीय अभिलेखागार के समन्वय से दाण्डी मार्च, चौरी-चौरा की घटना सहित स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख घटनाओं, वर्ष 1971 के युद्ध व कारगिल युद्ध पर आधारित अभिलेख प्रदर्शनी का उद्घाटन कर अवलोकन किया।

इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री डॉ0 महेन्द्र सिंह, नगर विकास मंत्री आशुतोष टण्डन, न्याय मंत्री बृजेश पाठक, सांसद कौशल किशोर, विधायक जय देवी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश मेश्राम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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