कवियों ने एक से बढ़कर एक रचनाएं सुनाकर श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध

मार्तण्ड साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था के तत्वावधान में आयोजित हुई ऑनलाइन मासिक सरस काव्य गोष्ठी

क्राइम रिव्यू

लखनऊ। मार्तण्ड साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था के तत्वावधान में आयोजित एक ऑनलाइन मासिक सरस काव्य गोष्ठी संस्था अध्यक्ष सरस्वती प्रसाद रावत के आवास पर आयोजित किया गई ।
काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता सुबोध कुमार शर्मा उत्तराखण्ड व संचालन सुरेश राजवंशी ने किया ।
मुख्य अतिथि डाॅ अजय प्रसून, विशिष्ट अतिथि गोदी लाल गांधी सीतापुर तथा अति विशिष्ट अतिथि श्रीमती सन्तोष सिंह हंसौर बाराबंकी रहीं।
काव्य गोष्ठी का शुभारंभ डॉ सुधा मिश्रा की वाणी वंदना से हुआ। गोष्ठी में कवियों एवं कवयित्रीयों ने एक से बढ़कर एक रचनाएं सुना कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया ।
कार्यक्रम के अंत में संस्था द्वारा लग-भग चालिस कवियों एवं कवयित्रियों को सम्मानित किया गया। रामरतन यादव ने – बेटी होती है पराई, किसने रस्म ये बनाई , छूटा बचपन घर आँगन, तकदीर ऐसी क्यूँ बनाई।
पण्डित बेअदब लखनवी ने-
पर्ग ए गुल को छुआ हाथ ही जल गया । हादसा होने वाला था जो टल गया पढ़कर वाहवाही लूटी ।
कार्यक्रम में उपस्थित कवि कवयित्री सुबोध कुमार शर्मा उत्तराखण्ड, डॉ अजय प्रसून, गोदी लाल गांधी सीतापुर, मंजुला पांडे पिथौरागढ़, सुरेश कुमार राजवंशी, श्रीमती संतोष सिंह हंसौर बाराबंकी, सरस्वती प्रसाद रावत, रेनू वर्मा हरदोई, शुचिता अजय श्रीवास्तव उत्तराखण्ड, उमेश त्रिगुणायत पीलीभीत, डॉक्टर मेहंदी हसन खान, ममता प्रीति श्रीवास्तव गोरखपुर, सविता वर्मा मुजफ्फरनगर, अमरपाल ‘अमर’ रायबरेली, राकेश दुलारा मुजफ्फरनगर, मंजूलता ‘मन’ उत्तराखण्ड , पंडित विजयलक्ष्मी मिश्रा, आभा मिश्रा राजस्थान, डॉ सुधा मिश्रा, संजय सागर, ज्ञानप्रकाश रावत , डाॅ. नरेश सागर हापुड, राजेश हिंदुस्तानी महाराजगंज, मृत्युंजय सिंह चौहान, डॉ ज्योत्सना सिंह, दीप्ति दीप कासगंज, अंजलि गोयल बिजनौर, अरविंद रस्तोगी, एल पी गुर्जर लखनवी, गोष्ठीका समापन अध्यक्ष सरस्वती प्रसाद रावत ने किया ।

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