गुरुद्वारों में श्रद्धा और सत्कार से मनाया गया ज्येष्ठ संक्रांति पर्व

क्राइम रिव्यू

लखनऊ। राजधानी के ऐतिहासिक श्री गुरुसिंह सभा , नाक हिन्डोला और श्री गुरुतेगबहादुर साहिब गुरुद्वारा, यहियागंज में ज्येष्ठ माह संक्रान्ति पर्व आज यानि 14 मई को श्रद्धा और सत्कार से मनाया गया. इस अवसर पर शबद- कीर्तन और ज्येष्ठ माह पर व्याख्यान हुआ.


गुरुद्वारा, नाका हिन्डोला

श्री गुरू सिंह सभा, ऐतिहासिक गुरूद्वारा, नाका हिंडोला, में ज्येष्ठ माह संक्रान्ति पर्व मनाया गया.
इस अवसर त्याग सरबत के भले की अरदास गई.
दीवान श्री सुखमनी साहिब जी के पाठ से प्रारम्भ हुआ . जिसमें रागी जत्था भाई राजिन्दर सिंह जी ने अपनी मधुरवाणी में शबद- कीर्तन किया.

ज्येष्ठ माह के महत्व पर डाला प्रकाश

मुख्य ग्रन्थी ज्ञानी सुखदेव सिंह जी ने ज्येष्ठ माह पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्री गुरू अर्जुन देव जी कहते हैं, इस माह में हमें परमपिता परमात्मा से जुड़ना चाहिये क्योंकि वह ही सर्वश्रेष्ठ है,सबसे ऊँचा है, उसी के आगे सभी सिर झुकाते हैं. उस प्रभु के आगे किसी की नहीं चलती, उसी का हुकुम सभी को मान्य होता है, वही जन्म देता है, वही मृत्यु देता है, वही सुख देता है, वही दुःख देता है. सुख की प्राप्ति के लिये हमें प्रभु की आराधना करनी चाहिये. जैसे एक कमजोर बेल किसी बडे़ पेड़ के सहारे ऊँची उठ जाती है ऐसे ही बहुत से कमजोर व्यक्ति ‘वाहेगुरू’ का जाप (सिमरन) करके ताकतवर व धनवान हो जाते हैं.

घर पर रह कर ही त्यौहार मनाने की अपील

दीवान की समाप्ति के बाद लखनऊ गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष स. राजेन्द्र सिंह बग्गा ने साध संगतों को ज्येष्ठ माह संक्रान्ति पर्व की बधाई दी.
उन्होंने नगरवासियों से अपील की शासन द्वारा जारी कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए घरों में गुरबाणी का पाठ कर त्योहारों को मनाएंमनाएं. कार्यक्रम का संचालन स.सतपाल सिंह ‘मीत’ ने किया. उसके उपरान्त मिष्ठान प्रसाद श्रद्धालुओं में वितरित किया गयागया.

गुरुद्वारा, यहियागंज

ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी, यहियागंज में जेठ माह की संक्रांति पर्व विशेष दीवान सजाया गया . हजूरी रागी ने शबद- कीर्तन किया.हेड ग्रंथी ज्ञानी परमजीत सिंह जी ने जेठ माह पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जिस हरि के आगे सारे जीव सिर झुकाते हैं जेठ के महीने में उसके चरणों में जुड़ना चाहिए.

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