जयपुर में प्रदर्शित हुई भूपेंद्र अस्थाना की कलाकृति

कला चर्चा' के छठे वार्षिक उत्सव पर पांच दिवसीय विशेष कला प्रदर्शनी "इंफ्यूजन-6" जयपुर में 9 जुलाई से शुरू हुआ

क्राइम रिव्यू
लखनऊ। कला मनुष्य को अनंत की यात्रा पर ले जाती है जो अनायास ही हमारे मस्तिष्क के संपदा को और अधिक प्रभावशाली बनाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए आज कलाचर्चा एवं राजस्थान ललित कला अकादमी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कला प्रदर्शनी ‘इंफ्यूजन’ के छठे संस्करण का अकादमी के समकालीन कला दीर्घा में आयोजन हुआ। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत कला प्रदर्शनी ‘इंफ्यूजन’ के छठे संस्करण का उद्घाटन प्रो. भवानी शंकर शर्मा, (वरिष्ठ कलाकार एवं कला शिक्षाविद, राजस्थान ललित कला अकादमी के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व डीन ललित कला संकाय, बनस्थली विद्यापीठ) ने दीप प्रज्वलित कर किया। केरल से पधारे श्री वी. एस साजिकुमार (वरिष्ठ कला शिक्षाविद् एवं वर्ष 2021 राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान से सम्मानित कला शिक्षक) कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि रहे।

कला प्रदर्शनी ‘इंफ्यूजन’ के अंतर्गत अखिल भारतीय स्तर पर राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, सिक्किम और दिल्ली राज्यों से 44 कलाकार भाग ले रहे है । पेंटिंग, फोटोग्राफी, ग्राफ़िक्स, इंस्टालेशन, ड्राइंग और डिजिटल आर्ट माध्यमों की 150 से अधिक कलाकृतियों का प्रदर्शन राजस्थान ललित कला अकादमी की कला दीर्घाओं प्रदर्शित है ।
इस प्रदर्शनी में उत्तर प्रदेश से मात्र लखनऊ से चित्रकार एवं क्यूरेटर भूपेंद्र कुमार अस्थाना की एक रेखांकन कृति जो पेन इंक माध्यम में बनी हुई है को भी प्रदर्शित किया गया है।

13वें रंगमल्हार के एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कला कार्यक्रम में ऑनलाइन भाग लिया

रविवार को जयपुर में 13वें रंगमल्हार के एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कला कार्यक्रम में भी भूपेंद्र कुमार अस्थाना ने लखनऊ से ऑनलाइन माध्यम में भाग लिया। भूपेंद्र पिछले कई वर्षों से इन कार्यक्रम में भाग लेते रहे हैं। इस बार रंगमल्हार के द्वारा दिए गए माध्यम और कांसेप्ट किसी भी रंग के कपड़े पर ध्वज आकार जो कि स्वाभिमान का प्रतीक होता है पर अपनी कल्पना और शैली में एक रेखांकन बना कर भाग लिया। भूपेंद्र ने कैनवस को ध्वज का आकार दिया और उसपर अपनी शैली में रेखांकन बनाया जो कि मिश्रित माध्यम में है। जो कि रंगमल्हार के फेसबुक पेज पर टैग किया । इस कार्यक्रम में देश और विदेश के बड़ी संख्या में कलाकारों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम में ध्वज पर कलाकृति बना कर भाग लिया।

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