‘दृष्टि एप’ से होगी सील बिल्डिंगों की माॅनिटरिंग, अवैध निर्माण पर कसेगा शिकंजा

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी के निर्देश पर तैयार हुआ एप, कल बोर्ड बैठक में प्रेजेन्टेशन के बाद होगा लागू 

क्राइम रिव्यू

लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण अब “दृष्टि एप“ के जरिए अवैध निर्माणों पर रोक लगाएगा। इस एप पर सीलिंग के सभी ऑर्डर मय अवैध निर्माण की फोटो के साथ उपलब्ध होंगे और प्रवर्तन अधिकारियों को नियमित रूप से इनकी माॅनिटरिंग करनी होगी। इससे प्राधिकरण द्वारा सील की गई बिल्डिंगों में बिल्डर द्वारा चोरी-छुपे निर्माण/फिनिशिंग कार्य कराये जाने की भी कोई संभावना नहीं रहेगी। उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी के निर्देश पर तैयार कराया गया दृृष्टि एप कल प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में प्रेजेन्टेशन के बाद से लागू कर दिया जाएगा। लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने मंगलवार को इस सम्बंध में बैठक करके अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि यह सीलिंग एप अपट्रॉन द्वारा नामित संस्था ग्रैंड इंटरप्राइजेज ने तैयार किया है, जिसे दृृष्टि एप नाम दिया गया है। संस्था द्वारा समस्त जोनल अधिकारियों/विहित प्राधिकारियों और प्रवर्तन में कार्यरत अभियंताओं के समक्ष इसका प्रेजेन्टेशन व प्रशिक्षण दिया जा चुका है। उपाध्यक्ष ने बताया कि अब से सील बिल्डिंगों की मॉनिटरिंग का कार्य इस एप के माध्यम से ही होगा। इसके अंतर्गत 01-04-2021 से लेकर 22-06-2022 तक के सभी प्रकार के अवैध निर्माण/प्लाटिंग से सम्बंधित सीलिंग आदेश इस एप पर अपलोड किए जाएंगे। उपाध्यक्ष ने बताया कि अवर अभियंता/सहायक अभियंता द्वारा सील बिल्डिंगों का नियमित रूप से निरीक्षण करते हुए इनकी फोटो व डिटेल एप पर अपलोड की जाती रहेगी। निरीक्षण न होने की दशा में एप पर अलर्ट जारी हो जाएगा और सम्बंधित अभियंता की जिम्मेदारी तय हो सकेगी।

निर्माण स्थल की सील खोलने जाने पर दृृष्टि एप पर कारण स्पष्ट करना होगा

इसके अलावा किसी भी प्रकरण में निर्माण स्थल की सील खोले जाने की सूरत में दृृष्टि एप पर इसका कारण स्पष्ट करना होगा। उपाध्यक्ष ने बताया कि कल बोर्ड बैठक में दृष्टि एप प्रस्तुत किया जाएगा, जिसके बाद से एप की व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। विशेष कार्याधिकारी देवांश त्रिवेदी ने बताया कि दृृष्टि एप के क्रियान्वयन के लिए आईटी अनुभाग द्वारा प्रवर्तन कार्य से सम्बंधित समस्त अधिकारियों व अभियंताओं को लाॅगिन आईडी दे दी गयी है। इसके अलावा अवर अभियंताओं के मोबाइल फोन में एप डाउनलोड करा दिया गया है।

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