देश में करीब एक करोड़ तो उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 21.76 लाख बाल श्रमिक

विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर 'सर्च फाउंडेशन' और लविवि के समाज कार्य विभाग' के संयुक्त तत्वावधान में वेबिनार का आयोजन

क्राइम रिव्यू
लखनऊ। विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर बच्चों के लिए समर्पित राष्ट्रीय संस्था ‘सर्च फाउंडेशन’ और ‘लखनऊ विश्व विद्यालय के समाज कार्य विभाग’ के संयुक्त तत्वावधान में वेबिनार आयोजित हुआ।
बाल श्रम वर्तमान स्थिति और उन्मूलन विषयक संगोष्ठी में वक्ताओं ने बाल श्रम से जुड़े बच्चों की मानसिक दशा, समस्या और कानूनी बिंदुओं पर चर्चा की।
लखनऊ बाल कल्याण समिति की मेंबर मजिस्ट्रेट ऋचा खन्ना ने बाल श्रम और कारणों पर बोलते हुए कहा- श्रमिक बच्चों का मानसिक विकास बाधित हो जाता है, उनके लिए शिक्षा आवश्यक है।
चाइल्ड लाइन के निदेशक डॉ अंशुमाली शर्मा ने चाइल्ड हेल्प लाइन के अधिकार और कार्य शैली के बारे में बोलते हुए बताया- घरेलू बाल नौकर भी रखना अपराध है। चाइल्ड लाइन ऐसे लोगों पर कार्रवाई करती है जो घरेलू बाल नौकर रखते हैं। रोहित मिश्र ने आंकड़े देते हुए विश्व मे बाल श्रमिकों के बारे बताया कि विश्व मे लगभग 16 करोड़ बाल मजदूर हैं। भारत मे लगभग एक करोड़ बाल श्रमिक हैं जिनमे 55 लाख बालक और 45 लाख बालिकाएं हैं। उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 21.76 लाख बाल श्रमिक हैं।
लविवि समाज कार्य के विभागाध्यक्ष डॉ अनूप कुंमार भारतीय ने बाल श्रम हेतु जागरूकता के लिए शैक्षिक संस्थानों एवं युवाओं का आह्वान किया। इस सेमिनार में 90 प्रतिभागी शामिल हुए। प्रश्नोत्तर काल मे सम्मिलित लोगों की जिज्ञासाओं को भी शांत किया गया। इससे पहले अन्विति के संचालन एवं सर्वज्ञ अस्थाना के संयोजन में सर्च फाउंडेशन के संस्थापक स्माइलमैन सर्वेश अस्थाना ने विषय प्रवर्तन कर संगोष्ठी की भूमिका बनायी।

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