ऩजूल भूमि के 150 वर्ष पुराने नक्शों का होगा डिज़िटाइज़ेशन

लविप्रा उपाध्यक्ष ने ऩजूल अनुभाग की बैठक में अधिकारियों को दिये निर्देश

क्राइम रिव्यू

लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण ऩजूल अभिलेखों के वर्ष 1862 एवं वर्ष 1925 के नक्शों का डिज़िटाइजे़शन कराएगा। लविप्रा के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बुधवार को नजूल अनुभाग की बैठक में इस सम्बन्ध में दिशा-निर्देश जारी किये। उपाध्यक्ष ने कहा कि ये नक्शे जिस स्थान पर रखे हैं, वहां पर्याप्त लाईटें लगाकर हाई रिजोल्यूशन कैमरे के माध्यम से इन नक्शों के डिज़िटाइजे़शन का कार्य सम्पन्न कराया जाए। यह कार्य प्रभारी अधिकारी की मौजूदगी में सम्पन्न कराया जाए।
बैठक के दौरान नजूल अधिकारी आनन्द कुमार सिंह द्वारा अवगत कराया गया कि अनुभाग में नजूल भूमि बंदोबस्त के लगभग 200 नक्शे एवं 50 रजिस्टर उपलब्ध हैं। इस पर उपाध्यक्ष ने कहा कि रजिस्टर से प्रापर्टी की डिटेल देखकर नक्शे में नजूल भूमि की कलर मार्किंग करा ली जाए, जिससे कि नजूल भूमि के चिन्हीकरण में आसानी हो। इसके बाद जी0आई0एस0 एप्लीकेशन पर मास्टर प्लान व खसरा पर नजूल के नक्शों को सुपर इम्पोज़ करा लिया जाए। वहीं, रजिस्टरों के डिज़िटाइजे़शन के सम्बन्ध में उपाध्यक्ष ने कहा कि अधिक मैन पाॅवर लगाकर इन सारे रजिस्टरों की उसी फार्मेट पर आज की तारीख में नकल बनाई जाए। नकल तैयार होने पर इसे किसी जिम्मेदार प्रभारी अधिकारी से क्रास चेक करा लिया जाए। इस कार्यवाही की माॅनिटरिंग करने के बाद नजूल अधिकारी द्वारा इन रजिस्टरों में अंकित डाटा को कम्प्यूटर में फीड कराया जाए।

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