पहला बड़ा मंगल एक जून को, प्रतिबंधों के बीच होंगे बजरंगबली के दर्शन

इस बार एक जून, आठ जून, 15 जून और 22 जून को चार बड़े मंगल

क्राइम रिव्यू
लखनऊ। इस बार जेठ का बड़ा मंगल एक जून को पड़ेगा। ज्येष्ठ माह के पहले मंगल से महीने के सभी मंगल लखनऊ में बड़े मंगल के रूप में मनाते हैं। इस बार एक जून, आठ जून, 15 जून और 22 जून को चार बड़े मंगल पड़ रहे हैं। बड़े मंगल पर हनुमान जी की पूजा उपासना विशेष फलदाई है।
नक्षत्रो का संयोग विशेष फलदाई
ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि एक जून को रवि योग द्विपुष्कर योग, 8 जून और 15 जून को सर्वार्थ सिद्धि योग, 22 जून को त्रिपुष्कर योग रहेगा। पहले बड़े मंगल पर धनिष्ठा नक्षत्र स्वामी मंगल का संयोग, दूसरे बड़े मंगल पर भरनी नक्षत्र स्वामी शुक्र का संयोग, तीसरे बड़े मंगल पर अश्लेषा नक्षत्र स्वामी बुध का संयोग और चौथे बड़े मंगल पर विशाखा नक्षत्र स्वामी गुरु का संयोग विशेष फलदाई है। 24 जेष्ठ मास समाप्त हो जाएगा।
हनुमान जी कलयुग में सर्वाधिक पूजे जाने वाले देवता
हनुमान जी कलयुग में सर्वाधिक पूजे जाने वाले देवता हैं। हनुमान जी भगवान शिव के अवतार हैं।इनकी पूजा तत्काल फल देने वाली है। इन्हें संकट मोचन, ग्राम देवता के रूप में भी पूजा जाता है। माता सीता ने हनुमान जी को अष्ट सिद्धि व नव निधि की प्राप्ति का वरदान दिया था। यह शक्ति, तेज और साहस के प्रतीक हैं। हनुमान भक्त व्रत रखकर राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी का पूजन कर भजन कीर्तन करते हैं। रामचरितमानस के सुंदरकांड का पाठ करना बहुत लाभदायक होता है। लाल वस्त्र, लाल चंदन, लाल फूल, सिंदूर, चमेली के तेल का लेप, तुलसी पत्र, बेसन के लड्डू और बूंदी से ये शीघ्र प्रसन्न होते हैं। ज्येष्ठ माह में हनुमान जी की पूजा आराधना से मंगल ग्रह संबंधी दोष दूर होते हैं। स्वास्थ्य लाभ, प्रॉपर्टी लाभ, कर्ज मुक्त होती है। शत्रु  बाधा दूर होती है। मुकदमों में  विजय मिलती है। भाइयों मित्रों का सहयोग मिलता है। शनि ग्रह की पीड़ा से मुक्त होती है।
 
भंडारों पर लगा ग्रहण, मंदिरों में कोरोना प्रोटॉकाल के तहत होंगे दर्शन
कोरोना महामारी के चलते बड़े मंगल पर लगने वाले भण्डारे पर ग्रहण लग गया है। बीते वर्ष की तरह इस बार भी भण्डारे का आयोजन नहीं होगा। वहीं अलीगंज हनुमान मंदिर, हनुमान सेतु, अमीनाबाद हनुमान मंदिर समेत विभिन्न मंदिरों में कोरोना प्रोटॉकाल के तहत ही बजरंगबली के दर्शन मिलेंगे। बड़े मंगल पर बजरंग बली की विशेष पूजा अर्चना होती है। बड़े मंगल पर मंदिर, धर्मशाला, बाजार, गली, मोहल्लों में जगह- जगह भण्डारे का आयोजन होता था। जहां लोग सब्जी-पूड़ी, हलवा, शरबत का प्रसाद ग्रहण करते थे। बड़े मंगल पर यहां कोई भी भूखा नहीं रहता है।
नवाबों ने शुरू की थी भण्डारे की परंपरा
अलीगंज स्थित पुराना हनुमान मंदिर के महंत गोपाल दास ने बताया कि नवाब शुजाउद्दौला की बेगम आलिया बेगम की कोई संतान नहीं थी। एक फकीर ने बताया कि टीले में हनुमान जी की एक मूर्ति है। उसे स्थापित करवाने से हनुमान जी उनकी मनोकामना पूर्ण करेंगे। बेगम ने बताए स्थान पर खुदाई करवाई तो वहां हनुमान जी की मूर्ति निकली। बेगम साहिबा मूर्ति को हाथी पर रखकर गोमती पार ले जाने लगीं लेकिन हाथी अलीगंज में ही बैठ गया। इसके बाद मूर्ति को उसी स्थान पर स्थापित कर पूजा-अर्चना की जाने लगी। इसके कुछ समय बाद इलाके में प्लेग महामारी फैली। आलिया बेगम ने महामारी से मुक्ति के लिए बजरंग बली की आराधना की। बजरंगबली की कृपा से महामारी समाप्त हो गई। इस खुशी में विशाल भण्डारे का आयोजन हुआ। वह दिन ज्येष्ठ माह का मंगलवार था। तभी से भण्डारे की परंपरा चली आ रही है।

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