प्रमुख सचिव गृह को अवमानना नोटिस

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ ने जय प्रकाश सिंह की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रमुख सचिव गृह को अवमानना नोटिस जारी की, मामले की अगली सुनवाई 11 मई को

क्राइम रिव्यू
 
लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ ने मंगलवार को जय प्रकाश सिंह की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रमुख सचिव गृह को अवमानना नोटिस जारी की है। मामले की अगली सुनवाई 11 मई को होगी।
याची जय प्रकाश सिंह वर्ष 1998 बैच में पीएसी में कॉन्स्टेबल के पद पर भर्ती हुआ था। वर्ष 2004 में उसे जल पुलिस में स्थानांतरित किया गया। गौरतलब है कि याची के समान अन्य कर्मी जो स्थानांतरण के पश्चात जल पुलिस में आये, उन्हें हेड कांस्टेबल के पद पर पदौन्नति दे दी गयी। किन्तु याची को पदौन्नति इस आधार पर नही दी गयी की यूपी पुलिस कांस्टेबल एंड हेड कॉन्स्टेबल 2015 में संशोधन के पश्चात ही पदोउन्नति देना न्याययोचित्त होगा। इस पर कोर्ट ने 2 माह में याची को पदोन्नति का आदेश पारित किया।
आदेश के अवमानना में पहले संजय सिंघल एडीजे एस्टेब्लिशमेंट और आरके विश्वकर्मा, डीजी पुलिस रिक्रूटमेंट बोर्ड को अवमानना नोटिस जारी हुआ। सरकारी वकील की तरफ से जवाब में कहा गया कि शासन में संशोधन प्रस्ताव लंबित है। इस पर याची के अधिवक्ता सक्षम अग्रवाल का तर्क था कि माननीय न्यायालय के आदेश का अनुपालन शीघ्र होना चाहिए। शासन स्तर पर रूल में संशोधन 2020 से लंबित है। इस पर न्यायमूर्ति आलोक माथुर ने प्रमुख सचिव गृह को अवमानना नोटिस जारी कर दिया और मामले की अगली सुनवाई 11 मई को नियत की।

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