प्रयागराज में हुए एनकाउंटर से सकते में मुख्तार अंसारी के गुर्गे, सताने लगा मौत का डर

प्रयागराज में हुई पुलिस मुठभेड़ में अमजद उर्फ अंगद और वकील पांडेय उर्फ राजीव के मारे जाने जाने के बाद से जरायम की दुनिया में सनसनी फैल गई है। एनकाउंटर को मुख्तार गैंग पर लगाम कसने का प्रभावी कदम माना जा रहा है। कानून व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती बन चुके इन दोनो अपराधियों को सफाया करना पुलिस के लिए खासी सफलता माना जा रहा है। क्योंकि ये दोनों ने पूर्व की आपराधिक वारदातों से प्रदेश सरकार की खासी किरकिरी कराई थी।

50 हजार के इनामी बदमाश वकील पांडेय उर्फ राजीव उर्फ राजेश और उसके साथी अमजद उर्फ अंगद उर्फ पिंटू उर्फ डॉक्टर के प्रयागराज में मुठभेड़ में मारे जाने की वारदात से अपराध जगत से जुड़े पूर्वांचल के लोगों में हड़कंप मच गया है। एसटीएफ की कार्रवाई से अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना मऊ सदर विधायक मुख्तार अंसारी के गुर्गे सकते में हैं। साथ ही लोग यह भी मान रहे हैं कि बागपत जेल में मारे गए कुख्यात बजरंगी ने अपने गिरोह में जिन बदमाशों को शामिल किया था उनका इसी तरह से एक-एक कर सफाया होगा।

मुख्तार अंसारी के बेहद खास रहे मुन्ना बजरंगी को सबसे पहले करारा झटका तब लगा था जब 5 मार्च 2016 को उसके साले पुष्पजीत सिंह उर्फ पीजे की लखनऊ में हत्या कर दी गई थी। पीजे बजरंगी के लिए अवैध वसूली करने के साथ ही जरायम जगत से कमाए गए पैसे को रियल इस्टेट सेक्टर में निवेश करता था।

बजरंगी इस दुख से उबर रहा था कि एक दिसंबर 2017 को लखनऊ में उसके दाएं हाथ कहलाने वाले विश्वेश्वरगंज निवासी मोहम्मद तारिक की हत्या कर दी गई। इसके सात महीने बाद 9 जुलाई 2018 को बागपत जेल में बजरंगी ही गैंगवार में मारा गया।

जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या से घबराए मुख्तार के खिलाफ अचानक एक नाटकीय घटनाक्रम में पंजाब में बिल्डर से रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज किया गया। साथ ही जनवरी 2019 में पंजाब पुलिस मुख्तार को बांदा जेल से अपने साथ ले गई।

9 अगस्त 2020 को लखनऊ में मुख्तार के लिए जान देने का संकल्प लेने वाला मऊ निवासी राकेश पांडेय उर्फ हनुमान पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो गया। मुख्तार व बजरंगी के करीबी बदमाश वकील और अमजद ठिकाने बदल-बदल कर खुद को सुरक्षित रखे हुए थे, लेकिन एसटीएफ से आमना-सामना होने पर वे भी ढेर हो गए।

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