भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेई -“मानवता राष्ट्रवाद एवं राजनीति के कालजई अग्रदूत” विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न

नेताजी सुभाषचंद्र बोस स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय अलीगंज के रजत जयंती समारोह पर आयोजित हुई संगोष्ठी

क्राइम रिव्यू
लखनऊ। नेताजी सुभाषचंद्र बोस स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय अलीगंज के रजत जयंती समारोह के उपलक्ष्य पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का रविवार को समापन हो गया। उच्च शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रायोजित “भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई -मानवता राष्ट्रवाद एवं राजनीति के कालजई अग्रदूत” विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री और विधान परिषद सदस्य डॉ महेंद्र सिंह मौजूद रहे। संगोष्ठी में डॉ महेंद्र सिंह ने विस्तार से अटल जी के समावेशी व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।उन्होंने कहा कि अटल जी दूरदृष्टा थे उनकी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना चतुर्भुज सड़क योजना अभिनव और अद्वितीय थी। वास्तव में अटल जी सर्वोदय ग्रामोदय और अंतोदय  का मिला जुला स्वरूप थे। डॉ महेंद्र ने अद्भुत कालगणना के द्वारा महाविद्यालय के भविष्य की घोषणा करते हुये कहा कि एक दिन ये कालेज अवश्य उनके सपनों को पूरा करेगा।
विशिष्ट अतिथि के रूप में नालन्दा विवि में संस्कृत विभाग के अध्यक्ष तथा भाऊराउ देवरस से जुड़े प्रोफेसर विजय कर्ण ने अटल जी के साथ ही आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंती के अवसर पर उनके विचारों को साझा किया। उन्होंने कहा कि दीनदयाल जी सादगी करुणा और शुचिता का जीवंत स्वरूप थे। डॉ कर्ण ने कहा कि एकात्म मानववाद अपने आप में पूर्ण दर्शन है जिस पर समाज को चलने की ज़रूरत है।
विशिष्ट अतिथि एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्वी उत्तर प्रदेश के संगठन मंत्री घनश्याम शाही ने कहा कि ये बेटियों का युग है। उन्होंने अटल जी एवं दीन दयाल उपाध्याय के जीवन को अनुकरणीय बताते हुये कहा कि दोनो राष्ट्र ऋषि थे। उन्होंने कहा कि आज के समय में राष्ट्र निर्माण में विद्यार्थियों की महती भूमिका है। प्राचार्य प्रोफेसर अनुराधा तिवारी ने कहा कि अटल का व्यक्तित्व चुम्बकीय था। जो भी एक बार उनसे मिल लेता वो सदा के लिए उनका हो जाता था। उन्होंने अतिथियों का स्वागत किया। संगोष्ठी के संयोजक डॉ राजीव यादव ने गोष्ठी की संकल्पना प्रस्तुत की।

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