यूपी की नौकरशाही में मची खलबली, होने लगी है चर्चा अब अगला नंबर किसका?

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के डीजीपी मुकुल गोयल को उनके पद से हटाया, आईएएस निधि केशरवानी को निलंबित करने के लिए मणिपुर और केंद्र सरकार को लिखा पत्र

क्राइम रिव्यू
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के डीजीपी मुकुल गोयल को उनके पद से हटा दिया है। राज्य सरकार ने अभी तक इस पद पर किसी अधिकारी की नियुक्ति नहीं की है। एडीजी प्रशांत कुमार को डीजीपी का प्रभार दिया गया है। डीजीपी रहे मुकुल गोयल को हटाकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने नौकरशाही को सख्त संदेश दिया है। जबकि इससे पहले सीएम योगी औरैया के जिलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर चुके हैं। प्रदेश में सरकार बनने के साथ ही राज्य सरकार ने एक सप्ताह के भीतर दो डीएम और एक एसएसपी को निलंबित कर सख्त संदेश दिया था। लेकिन बुधवार को पुलिस विभाग के सबसे ताकतवर और अहम अफसर को हटाकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि वो आने वाले दिनों में बड़े अफसरों पर कार्रवाई करने से नहीं चूकेंगे।
फिलहाल राज्य में सीएम योगी आदित्यनाथ के नौकरशाही को लेकर किए गए फैसलों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। क्योंकि राज्य में भ्रष्ट अफसरों की कोई कमी नहीं है। लिहाजा अफसर इस बात को लेकर परेशान हैं। कहीं अगला नंबर उनका ना हो। प्रदेश में दोबारा सीएम बनने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने दो डीएम और एक एसएसपी को सस्पेंड कर दिया है। प्रतापगढ़ के लालगंज तहसील के कर्मचारी सुनील कुमार शर्मा की मौत के मामले में सीएम योगी, प्रदेश सरकार ने सोमवार को उपजिलाधिकारी ज्ञानेंद्र विक्रम को भी निलंबित कर दिया है। आईएएस अधिकारियों में औरैया के डीएम सुनील कुमार वर्मा को भी शिकायतों के चलते निलंबित कर दिया गया और शपथ लेने के साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र के डीएम रहे टीके शिबू को निलंबित कर दिया। उधर, अपराध रोकने के लिए गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार को भी सस्पेंड कर दिया गया और अधिकारियों को सख्त संदेश दिया गया।
आईएएस निधि केशरवानी को निलंबित करने के लिए मणिपुर और केंद्र सरकार को लिखा पत्र
हाल ही में सीएम योगी आदित्यनाथ ने मणिपुर कैडर की आईएएस अधिकारी निधि केशरवानी को निलंबित करने के लिए केंद्र और मणिपुर सरकार को पत्र लिखा था। निधि केशरवानी सपा सरकार के दौरान प्रदेश में प्रतिनियुक्ति पर थीं और इस दौरान वह गाजियाबाद समेत कई जिलों की जिलाधिकारी रहीं। गाजियाबाद में डीएम रहते हुए उन्होंने जमीन अधिग्रहण के लिए दिए गए मुआवजे का घोटाला किया था। जिसके बाद राज्य सरकार ने जांच कर उसे दोषी पाया। फिलहाल निधि केशरवानी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में निदेशक के पद पर हैं।
 
नौकरशाही में मचा हड़कंप
मुकुल गोयल के डीजीपी पद से हटने के साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर प्रदेश की नौकरशाही में हलचल मच गई है। क्योंकि सीएम योगी ने भ्रष्ट नौकरशाही को कड़ा संदेश दिया है। सीएम योगी की मंशा से साफ हो गया है कि आने वाले दिनों में प्रदेश में बड़े अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। दरअसल गोरखपुर में हाल ही में सीएम योगी ने कहा था कि अगर जनता उनके दरबार में शिकायतें ला रही है तो इसका मतलब है कि स्थानीय स्तर पर लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है।

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