यूपी सरकार ने पिछड़े जिलों के दर्शनयी स्थलों में लगाए पर्यटन को पंख

देवीपाटन मंदिर और गोण्डा जिले में दर्शनीय स्थलों को पर्यटन के तौर पर किया जा रहा विकसित

– पिछली सरकारों की उपेक्षा के कारण पर्यटकों की नजर से दूर रहे स्थलों के विकास पर सरकार का पूरा जोर

– पर्यटन को बढ़ावा देने के पीछे बड़ी संख्या में युवाओं के लिये रोजगार के अवसरों को खोलना है सरकार का लक्ष्य

– अयोध्या दीपोत्सव ने लगातार दो वर्षों में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड बनाया रिकार्ड, प्रयागराज कुम्भ को यूनेस्को की मिली सरहना

– मथुरा में कृष्णोत्सव, बरसाना में रंगोत्सव, वाराणसी में शिवरात्रि एवं देव दीपावली के आयोजनों ने भारतीय संस्कृति को दुनिया भर में बनाई पहचान

क्राइम रिव्यू

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश सरकार पिछड़े जिलों में स्थित सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों को दुनिया भर में पहचान दिलाने में जुटी है। सरकार की इच्छाशक्ति का ही परिणाम है कि पहली बार प्रदेश में श्रावस्ती, बलरामपुर, देवीपाटन और गोण्डा जिलों के दर्शनीय स्थलों को पर्यटन के तौर पर विकसित करने का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है। पिछली सरकारों की उपेक्षा के कारण अभी तक ये यह सभी स्थल पर्यटकों की नजर से दूर थे। अब उनको विकसित कर यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ युवाओं और यहां के व्यवसाय और शिल्पकलाओं को बढ़ावा देने के प्रयास शुरू हो गये हैं।

मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप आला अधिकारी पर्यटन के लिये बनाई गई योजनओं को पूरे प्रदेश में रफ्तार देने में जुट गये हैं। योगी सरकार ने अब तक अपने चार साल के कार्यकाल में पर्यटकों के लिए यूपी में अनूठे और आकर्षक पैकेज भी तैयार किये हैं। जिससे पर्यटन की संभावनाओं को पंख लगना शुरू हो गये हैं। योगी सरकार के प्रयासों से इन स्थलों पर पर्यटन को बढ़ावा मिलने से रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। गाइड के रूप में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलना शुरू हुआ है। पर्यटन स्थलों के आसपास वहां की स्थानीय चीजों की बिक्री भी पहले से बढ़ी है और स्थानीय शिल्पकारों को रोजगार मिलना शुरू हा गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पर्यटन को बढ़ावा देने की योजनाओं पर जोर दिये जाने का ही नतीजा है कि आज बौद्ध सर्किट में श्रावस्ती, कपिलवस्तु और कुशीनगर अैर रामायण सर्किट मंर चित्रकूट एवं श्रृंगवेरपुर में पर्यटन सुविधाओं का विकास शुरू हो चुका है। उत्तर प्रदेश दिवस (24 जनवरी) का भव्य आयोजन। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले महानुभावों को सम्मान किया गया। जिसकी तरफ पिछली सरकारों ने कभी ध्यान ही नहीं दिया। योगी सरकार में ही गोरखपुर के रामगढताल में वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियां शुरू हुईं। पीलीभीत में टाइगर रिजर्व की ओर पर्यटकों का रुझान बढ़ने लगा है।

योगी सरकार की अनूठी पहल को दुनिया भर में मिली सराहना

योगी सरकार ने अपने चार सालों में पर्यटन स्थलों के लिये ऐसी अनूठी और आकर्षक पहल की है जिसको दुनिया भर में सराहना मिली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अथक प्रयासों का ही परिणाम है कि विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक गौरव प्रयागराज कुम्भ 2019 के आयोजन को यूनेस्को की सरहना के साथ भव्य रूप से सम्पन्न कराया गया। इसके साथ ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भूमि पूजन सम्पन्न कराना भी इतिहास में दर्ज हो गया।

अयोध्या दीपोत्सव ने लगातार दो वर्षों में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड बनाया

योगी सरकार ने तीर्थ स्थलों के विकास को बढ़ावा देने और उनको दुनिया के नक्शे में स्थान दिलाने का काम अपने चार साल के कार्यकाल में किया। इसी का परिणाम है कि अयोध्या दीपोत्सव ने लगातार दो वर्षों में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड बनाया। अयोध्या में दीपोत्सव, मथुरा में कृष्णोत्सव, बरसाना में रंगोत्सव, वाराणसी में शिवरात्रि एवं देव दीपावली के आयोजन ने भारतीय संस्कृति को दुनिया भर में पहचान बनाने का काम किया।

जिलों में तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद करके विकास को दिया बढ़ावा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने चार साल के कार्यकाल में कई ऐसे महत्वपूर्ण कार्य कर दिखाए हैं जिनकी तरफ पिछली सरकारों ने कभी ध्यान ही नहीं दिया था। बृज तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद की स्थापना इसका जीता जागता प्रमाण बन गया है। इसके साथ ही नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद विंध्य तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद, शुक्रधाम तीर्थ विकास परिषद, चित्रकूट तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद और देवीपाटन तीर्थ विकास परिषद के गठन का भी अभूतपर्व कार्य सरकार ने अपने चार वर्षों में करके दिखाया है।

शक्तिपीठ सर्किट एवं आध्यात्मिक सर्किट से जुड़े स्थलों में विकास को मिली रफ्तार

योगी सरकार में पर्यटन को बढ़वा देने की रणनीति के तहत शक्तिपीठ सर्किट एवं आध्यात्मिक सर्किट से जुड़े स्थलों का विकास बहुत तेज गति से किया जा रहा है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का विकास भी इसमें शामिल है। महाभारत सर्किट के अन्तर्गत महाभारत से जुड़े स्थलों का विकास इसका उदाहरण बन गया है। जैन तथा सूफी सर्किट के तहत आगरा एवं फतेहपुर सीकरी में पर्यटन सुविधाओं भी चार सालों में काफी बेहतर हो गई हैं।

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