राहुल गांधी ने माना कि साल 1975 के दौरान देश पर इमरजेंसी लगाना दादी इंदिरा की सबसे बड़ी भूल थी

नई दिल्ली: दशकों पहले देश के साथ हुए ‘इमरजेंसी वाले अन्याय’ को अब तक कांग्रेस झुठलाती रही, रातों-रात देश को कालकोठरी बनाने के गुनाह पर पर्दा डालती रही। आज गांधी परिवार की तीसरी पीढ़ी ने माना कि हां जो हुआ वह बिल्कुल गलत था। राहुल गांधी ने कबूला साल 1975 के दौरान देश पर इमरजेंसी लगाना दादिरा की सबसे बड़ी भूल थी। इमरजेंसी पर पूछे गए सवाल के जवाब पर राहुल गांधी ने कहा कि मुझे लगता है कि वह एक गलती थी, बिलकुल, वह गलत थी। और मेरी दादी (इंदिरा गांधी) ने भी ऐसा कहा था। केजरीवाल राहुल गांधी अमेरिका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुखातिब हो रहे थे, इस दौरान आम पित्रोदा भी मौजूद थे। कौशिक बसु ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से हुई बातचीत के आधार पर पूछा कि शिशु के अंत में इंदिरा गांधी ने चुनाव की घोषणा की थी क्योंकि उन्हें हारने का डर था। इसी सवाल के जवाब में राहुल ने अपनी दादी की भूल को कबूल किया … इमरजेंसी के गुनाह को छिपाने के लिए गांधी परिवार को अब तक खमोशी को हथियार बना रखा था। लेकिन कबुलनामे के साथ राहुल गांधी इमरजेंसी का बचाव करने से भी नहीं पड़ा और लगे हाथ मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए आज के हालात को 1975 से भी बुरा करार दिया, अब जराशिए गुनाह कबूल करने के बाद किस तरह कांग्रेस का बचाव किया। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी के दौरान जो हुआ और जो आज हो रहा है, दोनों में काफी मायने रखता है, कांग्रेस पार्टी ने कभी भी भारत के संवैधानिक ढांचे को बचाने की कोशिश नहीं की, हमारे पास ऐसा करने का सामर्थ्य नहीं है, पार्टी का डिजाइन इसकी अनुमति नहीं देता है। अगर हम भी चाहते हैं तो ऐसा नहीं कर सकते। देश के संवैधानिक ढांचे को किसने, कब और क्यों नुकसान पहुंचाया ये तो विवाद का विषय है लेकिन 1975 में जो हुआ उसने लोकतांत्रिक व्यवस्था को ही अवधि कोठरी डाल दिया था, जिसे किसी भी तर्क से सही नहीं ठहराया जा सकता है। बातचीत के दौरान राहुल ने लोकतंत्र की जमकर वकालत की लेकिन आज कांग्रेस की सकारात्मक लोकतंत्र खतरे में है, आंतरिक समस्याओं से जूझ रही कांग्रेस बंटी हुई नजर आ रही है, जिसके बारे में राहुल सवालों को घेरे में है।

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