लखनऊ में अतिक्रमण पर हाईकोर्ट का सख्त रुख

चारबाग में  फुटपाथ विक्रेताओं का सर्वे करे नगर निगम : हाईकोर्ट  

विधि संवाददाता 

लखनऊ हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने नगर निगम के अफसरों समेत टाऊन वेन्डिग कमेटी को निर्देश दिया है कि राजधानी के चारबाग इलाके में फुटपाठों पर वास्तविक अतिक्रमण का आकलन करने के लिए मौके पर मुआयना करें और यह पता करें कि कितने लोगों( वेंडरों) को वहां से हटाया जाना है। साथ ही यह योजना बनाने को कहा है कि क्या इन विस्थापित किए जाने वाले वेंडरों को सम्बंधित कानून  के तहत कोई वैकल्पिक जगह दी जा सकती है। न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी और  न्यायामूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने यह आदेश उपकार सेवा समिति की जनहित याचिका पर दिया। इसमें शहर के चारबाग में अतिक्रमण के साथ वहां के फुटपाथ विक्रेताओं के पुनर्वास का  मुद्दा  उठाया गया है। नगर निगम के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि चारबाग में फुटपाथ विक्रेताओं को जगह देने  के लिए  लिए ठोस योजना बनाई गई है।  इसके तहत 538में से 522 फुटपाथ विक्रेताओं( जिनके खिलाफ याचिका में आरोप लगाए गये हैं) ,को स्थापित किया जा सकता है। कोर्ट, नगर निगम के वकील के इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को नियत कर  निर्देश दिया है कि राजधानी के चारबाग इलाके में फुटपाठों पर वास्तविक अतिक्रमण का आकलन करने के लिए मौक पर मुआयना करें और यह पता करें कि कितने लोगों( वेंडरों) को वहां से हटाया जाना है। साथ ही यह योजना बनाने को कहा है कि क्या इन विस्थापित किए जाने वाले वेंडरों को सम्बंधित कानून  के तहत कोई वैकल्पिक जगह दी जा सकती है।

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