हज यात्रियों के लिए खत्म हो स्टैन्डर्ड बैगेज की अनिवार्यता : मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड

दो स्टैन्डर्ड बैगेज का खर्च 5500 रुपये बढ़ने से हज यात्री इससे बर्दाश्त नहीं कर सकेंगे : डॉ मोईन अहमद खान

क्राइम रिव्यू

लखनऊ। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड आफ इंडिया के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ मोईन अहमद खान ने हज कमेटी आफ इंडिया ने वर्ष 2022 के हज यात्रियों के लिए दो स्टैण्डर्ड बैगेज में सामान ले जाना अनिवार्य करने पर कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने कहा कि हज कमेटी हाजियों की सेवा के बजाय अटैचियां बेचने का धंधा कर रही है। उन्होंने कहा कि कोविड व डालर की विनिमय दर बढ़ने से हज खर्च में पहले ही अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। ऐसे में दो स्टैन्डर्ड बैगेज का खर्च 5500 रुपये बढ़ने से हज यात्री इससे बर्दाश्त नहीं कर सकेंगे।

डॉ मोईन ने रविवार को प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को हज खर्च कम करने के उपायों पर विचार करना चाहिए। लेकिन वह हज खर्च बढ़ाने के उपाय तलाश रहे हैं। उन्होंने कहा कि हज खर्च बढ़ने की वजह से ही देश के एक लाख मुसलमानों ने भी हज आवेदन नहीं किया है। यही हाल उत्तर प्रदेश का है जहां मात्र 9 हजार लोगों ने ही हज जाने के लिए फार्म भरा है। जबकि देश में 6 लाख और उत्तर प्रदेश में 65 हजार से अधिक लोग हज जाने के लिए फार्म भरते थे।

डॉ. मोईन ने कहा कि मुख्तार अब्बास नकवी के पास हज 2022 को लेकर कोई कार्यक्रम नहीं है। उन्होंने जब आवेदन फार्म निकाले थे तो सिर्फ 18 से 65 वर्ष तक लोगों को ही आवेदन भरने की अनुमति दी थी, लेकिन बाद में आरक्षित श्रेणी (75 वर्ष ) के लोगों को भी हज जाने की अनुमति दे दी। यह बात जब जब सऊदी हुकूमत को पता चली तो उसने आरक्षित श्रेणी के लोगों पर पाबंदी लगा दी। तब तक आरक्षित श्रेणी के हजारों लोग फार्म भर चुके थे। डा. मोईन ने कहा कि मुख्तार अब्बास नकवी ने यह आदेश आरक्षित श्रेणी के हज यात्रियों से 300-300 रुपये आवेदन शुल्क वसूलने के लिए किया था। इसका नतीजा यह हुआ कि अपने जीवन के आखिरी पड़ाव के आरक्षित श्रेणी के हज यात्रियों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। इसके लिए मुख्तार अब्बास नकवी और हज कमेटी आफ इंडिया को मुसलमानों से माफी मांगनी चाहिए।

डॉ मोईन ने कहा कि हज कमेटी स्टैन्डर्ड बैगेज देश भर के हज यात्रियों को उनके घर पर मुहैय्या कराएगी। दोनों स्टैण्डर्ड बैगेज व होम डिलीवरी के लिए हज कमेटी ₹55 सौ लेगी। उन्होंने कहा कि हज कमेटी आफ इंडिया मुख्तार अब्बास नकवी की शह पर अटैची बेचने का धन्धा कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सऊदी अरेबिया एयरलाइन्स सामान्य यात्रियों को भी स्टैन्डर्ड बैगेज अनिवार्य करती है ? ऐसा नहीं है। यह सब अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और हज कमेटी आफ इंडिया की सोंच है। उन्होंने कहा कि देश भर के हज यात्रियों को करीब 1.75 लाख स्टैन्डर्ड बैगेज की जरूरत पड़ेगी। कोई भी कम्पनी इतनी संख्या में इतने कम दिनों में बैगेज नहीं बना सकती है। इसका मतलब यह हुआ कि हज यात्रियों को स्टैन्डर्ड बैगेज बेचने की तैयारियां दो सालों से चल रहीं थीं। उन्होंने मांग की है कि केंद्रीय मंत्री श्री नकवी और हज कमेटी आफ इंडिया इस आदेश को तुरंत वापस ले और हज खर्च को कम करने की दिशा में काम करे।

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