हाय बचपन तेरी याद नहीं भूलती 

नवयुग कन्या महाविद्यालय में आयोजित हुआ कहानी वाचन

क्राइम रिव्यू

 लखनऊ। हाय बचपन तेरी याद नहीं भूलती वह कच्चा टूटा घर, वह पुवाल का बिछौना, वह नंगे बदन, नंगे पांव खेतों में घूमना, आम के पेड़ों पर चढ़ना, सारी बातें आंखों के सामने फिर रही हैं। चमरौधो जूते पहन कर उस वक्त कितनी खुशी होती थी, अब ‘फ्लेक्स’ के बूटों से भी नहीं होती। मुंशी प्रेम चंद्र की कहानी ‘चोरी’ की पंक्तियां सुनकर लोग भावविभोर हो गए। ऐसा लग रहा था जैसे बचपन लौट आया हो। यह कहानी नवयुग कन्या महाविद्यालय हिंदी विभाग की नवज्योति संस्था और कथा रंग लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी पखवाड़े के अन्तर्गत बुधवार को आयोजित ‘कहानी वाचन’ कार्यक्रम में नूतन वशिष्ठ और सत्यप्रकाश ने सुनाई।
कथा रंग की सदस्य कनिका अशोक और मालविका ने अमृता प्रीतम की कहानी करमां वाली का वाचन किया। अनुपमा शरद ने हरिशंकर परसाई का व्यंग्य इंस्पेक्टर माता दीन चांद पर सुनाकर मंत्र मुग्ध कर दिया। छात्रा प्रियंका और रुपाली शर्मा ने भी कविताएं प्रस्तुत की। इस मौके पर प्राचार्या सृष्टि श्रीवास्तव, डॉ. अपूर्वा अवस्थी, कल्पना गुप्ता, अमिता रानी सिंह, मंजुला यादव, राधा शर्मा, सीमा सरकार और ललिता पांडेय उपस्थित रहीं।

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