शनि की वक्री गति 23 मई से, लायेगा सबके जीवन में परिवर्तन

11 अक्टूबर तक रहेंगे वक्री

क्राइम रिव्यू

लखनऊ। न्याय और कर्म के कारक ग्रह शनि देव 23 मई ,रविवार को मकर राशि में वक्री हो जायेंगे। शनि दोपहर 2.53 बजे वक्री हो रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि ग्रहमंडल का बड़ा ग्रह माना जाता है और इसके गति परिवर्तन हर एक के जीवन पर प्रभाव पड़ता है। शनि 141 दिन वक्री अवस्था में रहेंगे।

11 अक्टूबर तक रहेंगे वक्री

अलीगंज स्थित स्वास्तिक ज्योतिष केन्द्र के आचार्य एस. एस. नागपाल की गणना के अनुसार शनि 11 अक्टूबर, 2021 सोमवार को प्रात: 7.44 मिनट पर पुन: मकर राशि में ही मार्गी होंगे। उन्होंने ने बताया कि इस समय शनि की साढ़ेसाती धनु , मकर व कुंभ राशि पर चल रही है। जबकि मिथुन और तुला पर शनि की ढैय्या का प्रभाव है।

ज्योतिषशास्त्र में शनि न्यायाधीश कहा गया है

शनि को ज्योतिष शास्त्र में कर्मफल दाता एवं न्यायाधीश कहा गया है। शनि मध्यम वर्ग, मजदूर वर्ग व श्रमिक वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है।

28 साल बाद शनि मकर राशि में हो रहे हैं वक्री

ज्योतिषाचार्य नागपाल के अनुसार शनि 28 साल बाद अपनी ही मकर राशि में वक्री होने जा रहे है।
शनि के मकर में गोचर से बहुत विचित्र परिवर्तन होते है। शनि अभी 19 डिग्री पर चन्द्रमा के श्रावण नक्षत्र में है और मंगल की 8 दृष्टि शनि पर है। राहु भी चन्द्रमा के रोहणी नक्षत्र में है। चन्द्रमा मनुष्य के मन और भावनाओं का कारक ग्रह है। और वह शनि से पीड़ित भी है। शनि 11 अक्टूबर को श्रावण नक्षत्र में 12 डिग्री पर होंगे और पुनः मार्गी होंगे।

कोरोना महामारी में आयेगी कमी

शनि के वक्री होने से कोरोना के केस तेजी से कम होंगे और जून तक कोरोना काफी नियंत्रण में हो जायेंगा। शनि के वक्री होने से भूकम्प , आंदोलन, प्रजा में जन आक्रोश, असंतोष बढ़ेगा, पड़ोसी देशों से तनाव हो सकता है। राज नेताओं, अफसरों के पुराने केस भी खुलने की संभावना रहेगी। 14 सितम्बर के बाद तीसरी लहर के रूप में नयी बीमारी का सामना करना पड़ सकता है जिसका प्रभाव तीन माह तक होगा।

शनि के प्रकोप से बचने के लिए करें ये उपाय

शनि के प्रकोप से बचने के लिए हर दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। शनि देव भगवान शिव, भगवान कालभैरव और हनुमान जी की पूजा से प्रसन्न होते हैं। शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिये शनि मंत्रो का जाप , व्रत, काले उड़द काले तिल, सरसों का तेल, काला वस्त्र, काले चने, कोयला, लोहे का दान आदि से शनि की शान्ति होती है।

12 राशियों पर शनि का प्रभाव

मेष: अपनी राशि दशम भाव में कर्म भाव में शनि वक्री होने से आजीविका के लिए भागदौड़ करनी होगी। करम करते रहे। फल मिलेगा।

वृष : राशि भाग्य भाव में शनि वक्री हो रहा है। पैसों के लिए थोड़ा परेशानी हो सकती है। धैर्य रखें व संयमित रहे। भाग्य का साथ देर से मिलेगा।


मिथुन : राशि अष्टम भाव में शनि वक्री होंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें और वाहन संभाल के चलाएं।


कर्क : राशि सप्तम भाव में शनि वक्री होंगे। दांपत्य जीवन में अनबन हो सकती है। विवाह साझेदारी कामों में रूकावट हो सकती है। आर्थिक पक्ष ठीक रहेगा।

सिंह : राशि छठवें भाव में शनि वक्री होंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। शत्रु से सतर्क रहे। दौड़ भाग बनी रहेगी।


कन्या : राशि पंचम स्थान में शनि वक्री होंगे। संतान और शिक्षा की चिन्ता हो सकती है। आर्थिक पक्ष ठीक है।


तुला : राशि मेहनत करे अवसर मिलेंगे। माता का स्वास्थ्य भी प्रभावित होगा। मानसिक तनाव भी हो सकता है। यात्रा व निवेश से बचें।

वृश्चिक : राशि तीसरे स्थान पर शनि वक्री होंगे। सेहत और आर्थिक पक्ष ठीक रहेगा। पराक्रम में कमी आएगी। क्रोध पर नियंत्रण रखें।

धनु : राशि दूसरे घर में शनि वक्री होंगे। वाणी संभल कर बोले। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। खर्चों में वृद्धि हो सकती है। कोई झूठा आरोप लग सकता है।


मकर: राशि में शनि वक्री हो रहे हैं। मानसिक तनाव व स्वास्थ्य का ध्यान रखें। वाद-विवाद से बचें।


कुंभ :राशि खर्चों में अधिकता होगी। व्यर्थ की भागदौड़ होगी। कर्ज लेने से बचें।

मीन: राशि एकादश भाव में शनि वक्री हो रहे हैं। आय के नए स्रोत मिलेंगे। नए अवसर पर आपको प्राप्त होंगे।

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