गुडम्बा पुलिस की लापरवाही : 17 दिन में चोरों ने बेसिक विद्यालय पैकरामऊ को दो बार बनाया निशाना, ग्रामीणों ने दौड़ाया तो 17 लैपटॉप छोड़कर भागे

12 जनवरी को विद्यालय में हुई चोरी का पुलिस ने नहीं दर्ज किया था मुकदमा

क्राइम रिव्यू
 

लखनऊ। गुडम्बा पुलिस की लापरवाही बेसिक विद्यालय पैकरामऊ पर भारी पड़ गई है। 12 जनवरी को स्कूल में हुई चोरी की घटना को पुलिस ने दर्ज नहीं की। इसका नतीजा यहां रहा कि बीती 29 जनवरी को बेखौफ चोरों ने एक बार फिर विद्यालय को निशाना बनाया। लेकिन ग्रामीणों की सतर्कता ने विद्यालय से बड़ी चोरी करने की चोरों की मंसूबे पर पानी फेर दिया। चोरी करके भाग रहे चोरों का ग्रामीणों द्वारा पीछा करने पर वह पर्दे में बंधे 17 लैपटॉप छोड़ने को मजबूर हो गए। हालांकि चोर 4 लैपटॉप, 15 कीबोर्ड, एनवीआर, मॉनिटर समेत कई समानों को ले जाने पर सफल हो गये। विद्यालय की सहायक अध्यापिका ने घटना की तहरीर गुडम्बा पुलिस को दे दी है।गुडम्बा थाना क्षेत्र में बेसिक विद्यालय, पैकरामऊ है। स्कूल की सहायक अध्यापिका सावित्री मौर्या ने बताया कि 29 जनवरी की रात चोरों ने ऑफिस, कम्प्यूटर कक्ष समेत तीन कमरों का ताला तोड़कर चार लैपटॉप, 15 कीबोर्ड, एक रैंप रैलिंग, मॉनीटर, वेबकैमरा कैमरे की रिकार्डिंग करने वाला एनवीआर आदि चोरी कर लिया। सहायक अध्यापिका ने बताया कि विद्यालय में बच्चों को कम्प्यूटर की शिक्षा देने के लिए प्रथम संस्था ने 21 कम्प्यूटर लगाए थे। सावित्री ने बताया कि 12 जनवरी को भी विद्यालय में चोरी हुई थी। जिसमें चोर दो वेब कैमरा, स्पीकर व माइक चोरी हो गया था। आरोप है कि जब वह गुडम्बा थाने में एफआइआर दर्ज कराने गई तो पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। सहायक अध्यापिका सावित्री मौर्या ने गुडम्बा पुलिस को घटना से सम्बंधित तहरीर दी दी है।

ग्रामीणों की सतर्कता से बच गई बड़ी चोरी
 
ग्रामीणों के मुताबिक रात करीब 9:30 बजे उन्हें विद्यालय परिसर में कुछ गतिविधियां दिखाई दी। अनहोनी की आशंका को देखते हुए अन्य ग्रामीणों को साथ लेकर विद्यालय परिसर पहुंचे। जहां उन्हें विद्यालय के पीछे की बाउंड्री से कुछ लोग फांदते हुए नजर आए। ग्रामीणों ने शोर मचाते हुए उनका पीछा किया। जिसपर चोर सरसो के खेत के बीच से भाग निकले। ग्रामीणों को मौके से एक पर्दे में 17 लैपटॉप बंधे हुए मिले। जिन्हें चोर पकड़े जाने के डर से छोड़कर भाग निकले थे। ग्रामीणों का गुडम्बा पुलिस पर आरोप है कि अगर पुलिस ने विद्यालय में कुछ समय पूर्व हुई चोरी का मुकदमा दर्ज करके छानबीन करती तो शायद विद्यालय में दोबारा हुई चोरी की घटना नहीं होती।

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