बोली भाषा के उन्नयन में अनुवाद का विशेष महत्व : डॉ राम बहादुर मिश्रा

राजकीय बालिका इंटर कालेज विकास नगर में अवधी अध्ययन केन्द्र उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित अवधी कहानी लेखन एवं अनुवाद प्रशिक्षण कार्यशाला का दूसरा दिन

क्राइम रिव्यू

लखनऊ। बोली भाषा के उन्नयन में अनुवाद का विशेष महत्व होता है। जिससे अन्य बोली भाषाओं का उत्कृष्ट साहित्य पाठकों को उपलब्ध कराया जाता है।
उक्त विचार राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त डॉ राम बहादुर मिश्रा अध्यक्ष अवध भारती संस्थान ने राजकीय बालिका इंटर कालेज विकास नगर लखनऊ में अवधी अध्ययन केन्द्र उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित अवधी कहानी लेखन एवं अनुवाद प्रशिक्षण कार्यशाला के दूसरे कार्य दिवस में व्यक्त किए। हिंदी के शब्दों को अवधी में अनुवाद करना, अवधी के उपसर्ग प्रत्यय सिखाते हुए उदाहरण सहित वार्ता प्रस्तुत की।
कार्यशाला के दूसरे सत्र में अवधी कहानीकार एवं हास्य कवि अजय प्रधान ने कहानी लेखन के गुर सिखाए और स्वरचित कहानी “सब कुछ सम्भव है” का वाचन किया।प्रधानाचार्या कुसुम वर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि अपनी मातृ-बोली और मातृ-भाषा में अनुभूतियों की जो गहराई है वह किसी अन्य भाषा बोली में नहीं।
मुख्य प्रशिक्षक प्रदीप सारंग ने कहानी के संवाद लिखना सिखाते हुए कहा कि लोकोक्ति और मुहावरों के प्रयोग से संवाद व कहानी को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। कार्यशाला में ममता निगम ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि कुछ नया सीखने का अवसर मिलना जीवन में उन्नति के नए द्वार खोलते हैं।

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