TMC में शामिल होते ही यशवंत सिन्हा ने किया केंद्र पर हमला: संवैधनिक संस्थाओं को बनाया जा रहा निशाना

नई दिल्ली : श्चिम बंगाल में चुनाव की तारिख बस चंद दिनों दूर है लेकिन दूसरी तरफ नेताओं का एक राजनीतिक पार्टी छोड़ दूसरी पार्टी में शामिल होने का सिलसिला जारी है। शनिवार को सबको चौंकाते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के कड़ आलोचक यशवंत सिन्हा ने आखिकार तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। जिसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जहां एक ओर टीएमसी की सत्ता में वापिसी का दावा किया वहीं केंद्र सरकार पर भी वार करने से नहीं चूके।यशवंत सिन्हा ने कहा कि अटल जी के समय में भाजपा सर्वसम्मति में विश्वास करती थी लेकिन आज की सरकार कुचलने और जीतने में विश्वास करती है। अकालियों, BJD ने भाजपा का साथ छोड़ दिया। तो ऐसे में बीजेपी के साथ कौन खड़ा है?उन्होंने आगे कहा कि ‘इसमें कोई शक नहीं है कि तृणमूल कांग्रेस बहुत बड़े बहुमत के साथ सत्ता में वापस आएगी। बंगाल से पूरे देश में एक संदेश जाना चाहिए कि जो कुछ मोदी और शाह दिल्ली से चला रहे हैं, अब देश उसको बर्दाश्त नहीं करेगा।टीएमसी में शामिल होने का कारण गिनाते हुए सिन्हा ने दावा किया कि ममत पर हुए ‘हमले’ के बाद उन्होंने पार्टी में शामिल होने का फैसला किया। उन्होंने केंद्र पर संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश आज एक अभूतपूर्व स्थिति का सामना कर रहा है। लोकतंत्र की ताकत लोकतंत्र की संस्थाओं की ताकत में निहित है। न्यायपालिका सहित ये सभी संस्थान अब कमजोर हो गए हैं।

बता दें, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कार्यकाल के दौरान सिन्हा कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। लेकिन साल 2018 में पार्टी के साथ चल रही नोक झोंक के चलते इस्तीफा दे दिया। वहीं उनके बेटे जयंत सिन्हा अभी तक बीजेपी में बने हुए हैं और झारखंड के हजारीबाग से लोकसभा सांसद हैं।

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