शिक्षा व आत्मनिर्भरता को अपना हथियार बनाकर घरेलू हिंसा को रोक सकती हैं महिलाएं

अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस के अवसर पर सरल केयर फाउंडेशन व यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन (लखनऊ मंडल) द्वारा यूपी प्रेस क्लब में सेमिनार का आयोजन

क्राइम रिव्यू

लखनऊ। अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस के अवसर पर सरल केयर फाउंडेशन व यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन (लखनऊ मंडल) के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को आयोजित सेमिनार में वक्ताओं ने माना कि महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा को रोकने में शिक्षा व उनका आत्मनिर्भर होना महत्वपूर्ण साबित होगा। यूपी प्रेस क्लब में ‘महिला हिंसा का महिलाओं के सर्वागीण विकास पर प्रभाव’ विषयक सेमिनार में वक्ताओं ने यह भी कहा कि हमें अपनी मानसिकता को बदलते हुए लिंग भेद बंद करना चाहिए और इसकी शुरुआत हमें अपने घर से ही करनी चाहिए। कार्यक्रम में हस्ताक्षर अभियान में शामिल होकर लोगों ने महिला हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने का संकल्प लिया। सेमिनार में वूमेन आर्मी ट्रस्ट की प्रबंध ट्रस्टी रश्मि सिंह ने कहा कि महिलाओं के साथ शारीरिक, मानसिक व आर्थिक तीन प्रकार की हिंसा होती है। शिक्षा व संस्कार महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा को रोकने में सहायक होते हैं। रश्मि ने कहा कि महिलाओं का आत्मनिर्भर होना भी जरूरी है। अगर वह आत्मनिर्भर होंगी तो उन्हें एक उम्र के बाद अपने ऊपर होने वाली हिंसा को सहना नहीं पड़ेगा। उनकी आत्मनिर्भरता इसमें सहायक होगी। रश्मि ने कहा कि मानसिक हिंसा से प्रताड़ित महिलाओं के लिए काउंसलिंग सेंटर खोलने चाहिए। जिसमें वह अपनी बात खुलकर व आसानी से रख सके। वूमेन आर्मी ट्रस्ट की ही प्रबंध ट्रस्टी रुचि रस्तोगी ने महिलाओं पर होने वाली हिंसा में लिंग भेद को बड़ा कारण बताते हुए कहा कि बच्चों के पालन पोषण में समानता होनी चाहिए। बेटे और बेटी में बिना पक्षपात के समानता के साथ शिक्षा देने पर वह अच्छा नागरिक बनेगा और वह महिलाओं का सम्मान भी करेगा। रुचि ने कहा कि अक्सर पुरुषों पर ही महिला हिंसा का आरोप लगता है। लेकिन महिलाओं पर हिंसा की अधिक जिम्मेदार महिलाएं है। क्योंकि हिंसा व उत्पीड़न की शुरुआत घरों से ही होती है। जिसमें घर की महिलाएं ही शामिल होती हैं। रुचि ने यह भी कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए। यह जानकारी हिंसा को रोकने में मददगार साबित होगी। इंटरनेशनल इमेज कल्सटेंट निधि शर्मा ने कहा कि हिंसा का महिलाओं की पर्सनालिटी पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे बचने के लिए मेंटल हेल्थ को मज़बूत करना ज़रूरी होता है। पायनियर इण्टर कॉलेज की प्रधानाचार्या शर्मिला सिंह ने कहा कि बच्चों के पहले उनके पैरेंट्स को जागरूक होना पड़ेगा। जिससे बच्चों को सही तरह से समाज और उसके नियम सिखाये जा सके। सरल केयर फाउंडेशन की अध्यक्ष रीता सिंह ने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों को जानने के लिए जागरूक रहने की आवश्यकता है। सभी महिलाओं को पारिवारिक दायित्व के साथ साथ बच्चों पर नजर रखनी चाहिए और अच्छे संस्कार देकर जागरूक बनाने का प्रयास करना चाहिए। सेमिनार में यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष हसीब सिद्दीक़ी, लखनऊ मंडल अध्यक्ष शिवशरण सिंह गहरवार, वरिष्ठ पत्रकार शैंलेंद्र सिंह, रश्मि सिंह जाड़ौन, नीमा पंत, रीना अग्रवाल, समाजसेवी मनोज सिंह चौहान, डॉक्टर दीप्ति जैन भल्ला, रजनी दीक्षित, दीप्ति अग्रवालआदि ने भी विचार व्यक्त किये।

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