महिला की जमीन पर कब्जा करने व आरोपियो से इंस्पेक्टर गुडम्बा की सांठगांठ की जांच अब क्राइम ब्रांच करेगी

पीड़ित ने कमिश्नर से गुडम्बा थाने में दर्ज मुक़दमा की निष्पक्ष जांच के लिये मामले को अन्यत्र ट्रांसफर का किया था अनुरोध

क्राइम रिव्यू

लखनऊ। गुडम्बा में महिला की जमीन पर कब्जा और कब्जा कराने में आरोपियो से इंस्पेक्टर गुडम्बा की सांठगांठ के आरोपों की जांच अब क्राइम ब्रांच करेगी। सोमवार को कमिश्नर डीके ठाकुर से पीड़ित ने मुलाकात की और गुडम्बा थाने में दर्ज मुकदमा को दूसरी संस्था को ट्रांसफर करने का अनुरोध किया था। जिसके बाद कमिश्नर ने मुकदमा की विवेचना क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है। बहादुरपुर, फूलबाग कॉलोनी निवासी हरिश्चंद्र गिरि अपनी पत्नी मंजू गिरि ने ह्यूमन वेलफेयर इक्वल जस्टिस संस्था के संस्थापक हेमन्त कुमार मिश्रा के साथ कमिश्नर डीके ठाकुर से मुलाकात की। पीड़ित ने कमिश्नर को बताया कि दंबगो द्वारा जबरन उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया गया। पीड़ित ने आरोप लगाया कि उसकी जमीन पर कब्जा कराने में इंस्पेक्टर गुडम्बा फरीद अहमद ने भी दबंगों का साथ दिया है। आरोपियो के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने पर इंस्पेक्टर गुडम्बा टालमटोल करते रहे। जब अधिकारियों के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया तो उसमे भी गुडम्बा पुलिस ने खेल कर दिया। ऐसे में मामले की निष्पक्ष जांच सम्भव नहीं है। ऐसे में मामले की विवेचना कही अन्यत्र ट्रांसफर कर दी जाए। पीड़ित के अनुरोध के बाद कमिश्नर ने मामले की विवेचना क्राइम ब्रांच को सौंप दिया।

अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इंस्पेक्टर गुडम्बा की शिकायत, जांच का आश्वसन

संस्था के संस्थापक के साथ पीड़ित दम्पति उप्र अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी से उनके कार्यालय में मिला। आयोग के अध्यक्ष को सौंपे गए प्रार्थना पत्र में पीड़ित ने इंस्पेक्टर गुडम्बा फरीद अहमद की शिकायत की। पीड़ित ने इंस्पेक्टर पर जाति विशेष के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया है। जिसपर अध्यक्ष ने आश्वासन दिया कि किसी को भी सरकार की छवि को भूमिल करने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने पीड़ित को जांच कराकर न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया। इस मौके पर संस्था के विपिन मिश्रा, कुंवर प्रताप सिंह व अभिषेक मिश्रा, सत्येंद्र शुक्ला आदि मौजूद रहे।

यह है मामला

बहादुरपुर, फूलबाग कॉलोनी निवासी हरिश्चंद्र गिरि ने 500 वर्ग फुट का एक प्लॉट बहादुरपुर में संजय कुमार से 27 जनवरी 2011 को बैनामा कराया था, लेकिन वह प्लॉट पर निर्माण नहीं करा सका। आरोप है कि स्थानीय निवासी हाफिज अब्दुल हसीब और मुजीब ने उसके प्लॉट पर कब्जा कर दो मंजिला इमारत बना ली। विरोध करने पर धमकी देने लगे। इसकी शिकायत पीड़ित ने गुडम्बा थाने पर की। जहां आपसी समझौते में आरोपी दूसरी जगह प्लॉट देने को राजी हो गये।

वन विभाग की जमीन की कर दी रजिस्ट्री

पीड़ित हरिश्चंद्र ने बताया कि आरोपियो ने 6 मार्च को अपने सहयोगी आदिलनगर निवासी डॉ. संतोष कुमार से छलपूर्वक 500 वर्ग फुट के स्थान पर 350 वर्ग फुट की रजिस्ट्री उसकी पत्नी मंजू गिरि के नाम से करवा दी। जिसके बाद कब्जा देने के नाम पर आरोपी तीन महीने तक टालमटोल करते रहे। हताश होकर पीड़ित ने राजस्व टीम के साथ मौके पर पहुंचा। जहां उसे पता चला कि जिस जमीन की रजिस्ट्री आरोपियों द्वारा उसे की गई है, वह वन विभाग की है।

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