उत्तर भारत में अभी से दिखने लगा गर्मी का असर, फरवरी में पहुंचा 6 डिग्री सेल्सियस तापमान

 इस बार गर्मी नहीं देगी लोगों को राहत

क्राइम रिव्यू

नई दिल्ली। उत्तर भारत में फरवरी में ही गर्मी का असर दिखना शुरू हो गया है। मंगलवार को दोपहर में दिल्ली में 31 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जो सामान्य से छह डिग्री सेल्सियस ज्यादा है। जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य स्तर पर 10.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि सामान्य तौर पर फरवरी में इतनी गर्मी नहीं पड़ती है।

पिछले दशक में एक दो बार फरवरी में इतनी ज्यादा गर्मी दर्ज की गई थी।उन्होंने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ के नहीं बनने से अभी और गर्मी बढ़ेगी। इस महीने छह पश्चिमी विक्षोभ बनने की उम्मीद लगाई थी, लेकिन सिर्फ एक ही बना और वह भी पहाड़ी इलाकों में। पश्चिमी विक्षोभ के नहीं बनने से आसमान में घने बादल जमा नहीं हो रहे हैं और आसमान साफ रह रहा है।

जिससे ज्यादा गर्मी महसूस हो रही है। श्रीवास्तव ने कहा कि आने वाले दिनों में गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है। हिमालय के पश्चिमी क्षेत्र में पश्चिम विक्षोभ बनता नजर आ रहा है। यह आगे बढ़ेगा तो उत्तर भारत को गर्मी से कुछ राहत बीते तीन सप्ताह की बात करें तो इस बार औसत अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है और जिस तरह से लगातार तापमान बढ़ रहा है।

फरवरी के आखिरी सप्ताह में औसत तापमान 27 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर सकता है। 2016 में फरवरी माह का औसत तापमान 26 डिग्री सेल्सियस था। 2017 में यह 25.9 डिग्री सेल्सियस रहा था। 2017 में 21 फरवरी को सबसे अधिक तापमान 32.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। वहीं, इस वर्ष और पिछले कई वर्ष की तुलना करें, तो 2020 का फरवरी माह काफी ठंडा रहा था।

वायु प्रदूषण में आंशिक कमी

सफर के मुताबिक बढ़ते तापमान व हवा की बढ़ी हुई रफ्तार के चलते दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण में आंशिक गिरावट आई है। अगले दो दिन हवा की रफ्तार बढ़ने पर एयर क्वालिटी इंडेक्स में और सुधार होगा। बीते 24 घंटे में दिल्ली का पीएम 10 223 और पीएम 2.5 का स्तर 103 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की तरफ से जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के मुताबिक मंगलवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 250 दर्ज किया गया। एनसीआर के शहरों की बात करें तो गाजियाबाद का एक्यूआइ 320, नोएडा का 214, फरीदाबाद का 296, ग्रेटर नोएडा का 253 व गुरुग्राम 241 रहा।

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