उसरी चट्टी हत्याकांड की सुनवाई अब लखनऊ के एमपी-एमएलए कोर्ट में, मुख्तार अंसारी है आरोपी

क्राइम रिव्यू: पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी से जुड़े एक केस को ट्रांसफर कर दिया गया है. गाजीपुर के बहुचर्चित उसरी चट्टी हत्याकांड की सुनवाई अब लखनऊ के एमपी-एमएलए कोर्ट में होगी. पहले ये केस गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुकदमे में सह अभियुक्त त्रिभुवन सिंह की अर्जी पर ये आदेश दिया है. कोर्ट ने इस मुकदमे में अभियुक्त माफिया बृजेश सिंह को भी नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के बाद तीन मार्च को फैसला सुरक्षित कर लिया था. जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने आदेश दिया है. इस मुकदमे में वादी मुख्तार अंसारी हैं

याचिका में कहा गया था कि गाजीपुर में केस की सुनवाई होने से याची और उसके साथियों को जान का खतरा है. मुख्तार अंसारी उसके भाई और भतीजे दुर्दांत अपराधी हैं. याची ने दलील दी थी कि उनके पिता, भाई और भतीजे की पहले हत्या हो चुकी है. याचिका में कहा था कि मुख्तार अंसारी पूर्व विधायक हैं और गाजीपुर का रहने वाला है. हर बार केस की सुनवाई पर उसके हजारों समर्थक अदालत आ जाते हैं.

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इन सब वजहों को बताते हुए याची को अपनी हत्या किए जाने की आशंका जताई थी. कोर्ट ने सभी तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर केस ट्रांसफर का आदेश दिया है. गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार को वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को अवधेश राय हत्याकांड में उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने उसपर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. ये हत्याकांड तीन अगस्त 1992 में वाराणसी में हुआ था. अदालत के फैसले पर कांग्रेस नेता और अवधेश राय के छोटे भाई अजय राय ने कहा, “32 वर्षों से इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ी जारी थी. मुख्तार अंसारी के खिलाफ लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी है.”

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