आजम खान-राजभर और शिवपाल ने अखिलेश यादव से बनाई दूरी? विधानसभा के विरोध के बीच अकेले पड़े सपा अध्यक्ष

विधानसभा में बजट सत्र के दौरान भाजपा के तमाम सहयोगी दलों के विधायक जब एक साथ खड़े नजर आए तो विपक्ष बिखरा हुआ नजर आया

क्राइम रिव्यू
लखनऊ। सीतापुर जेल से जमानत पर बाहर आए सपा नेता आजम खान ने सोमवार को विधायक पद की शपथ ली, लेकिन सपा मुखिया अखिलेश यादव से दूरी बनाए रखी। आजम खान विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने के बजाय रामपुर लौट आए। जबकि अखिलेश यादव ने उनके लिए अपने बगल में सीट रखी थी। वहीं, आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम से लेकर शिवपाल यादव और ओम प्रकाश राजभर की पार्टी के विधायक विधानसभा की कार्यवाही में मौजूद थे, लेकिन योगी सरकार के खिलाफ सदन में सपा के विरोध में शामिल नहीं हुए। जिसे सियासी तौर पर अखिलेश यादव के लिए झटका माना जा रहा है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में पार्टी विधायकों और विधान परिषद सदस्यों ने किसानों को सस्ती बिजली देने, विपक्ष के लोगों पर कोई झूठे मुकदमे नहीं, सस्ती शिक्षा और सिंचाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। अखिलेश की मौजूदगी में सपा नेता उत्साहित दिखे, लेकिन सपा को सहयोगी दलों का साथ नहीं मिल सका। रालोद के विधायक सपा के साथ रहे, लेकिन इस प्रदर्शन में ओमप्रकाश राजभर की भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के विधायक शामिल नहीं हुए।
आजम खान ने अखिलेश से रखी दूरी
आजम खान के साथ उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान ने भी सोमवार को विधायक पद की शपथ ली। वह आजम की तरह रामपुर नहीं लौटे बल्कि घर में चुपचाप बैठे रहे। वह सपा विधायकों के साथ योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी में शामिल नहीं हुए। वहीं आजम खान शपथ लेकर रामपुर लौट आए जबकि सदन में अखिलेश के बगल में उनकी कुर्सी थी।
शपथ लेने के बाद आजम खान ने विधानसभा अध्यक्ष का आभार जताया। आजम खान ने लखनऊ दौरे पर कुछ साफ तौर पर नहीं कहा, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने उनकी सुध क्यों नहीं ली? इस पर आजम खान ने तंज कसते हुए कहा कि हो सकता है कि उनके पास मेरा नंबर न हो। इतना ही नहीं आजम खान ने अखिलेश को लेकर खुलकर कोई नाराजगी जाहिर नहीं की है, लेकिन उनके समर्थकों ने अपना गुस्सा जरूर जाहिर किया है।
मुलायम सिंह ने नहीं पूछा हाल
आजम खान 27 महीने जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर आ गए हैं। इस दौरान मुलायम सिंह यादव ने कभी उनकी हालत नहीं पूछी। अखिलेश यादव भी उनसे एक बार ही जेल में मिले, लेकिन उनकी रिहाई के लिए कोई आंदोलन नहीं किया। इस मामले को लेकर आजम खान के समर्थक सपा से नाराज हैं।
सपा के साथ खड़े नहीं हुए शिवपाल यादव
सपा के टिकट पर विधायक बने अखिलेश यादव के खिलाफ शिवपाल सिंह यादव की नाराजगी भी सदन में देखने को मिली। शिवपाल यादव ने विधानसभा के बजट सत्र में हिस्सा लिया, लेकिन सपाइयों के विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए.शिवपाल यादव अपनी सीट के पास खड़े रहे और सपा विधायक मनोज पारस उनके बगल में विरोध करते रहे. शिवपाल वहां मौजूद थे लेकिन सपा से दूरी बनाए रखी। सदन में शिवपाल ने सपा मुखिया अखिलेश यादव से न तो मुलाकात की और न ही सपाइयों के साथ प्रदर्शन किया।
 
सपा के विरोध प्रदर्शन से राजभर विधायक भी रहे दूर
2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के साथ चुनाव लड़ने वाली ओम प्रकाश राजभर की भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी ने भी राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सपा के विरोध प्रदर्शन से दूरी बना ली। इस बार राजभर की पार्टी के 6 विधायक जीतकर आए हैं। सदन में विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होने के सवाल पर बसपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि राज्यपाल महिला हैं और राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विरोध करने की पुरानी परंपरा को बदला जाना चाहिए। हमारी पार्टी ने इस विरोध को जरूरी नहीं समझा, इसलिए हमने विरोध नहीं किया। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान ओमप्रकाश ने उन्हें एक अच्छे श्रोता की तरह सुना और सपा के विरोध की रणनीति पर कायम नहीं रहे।
 
ओपी राजभर ने अखिलेश को दी राजनीतिक सलाह
वहीं इससे पहले ओम प्रकाश राजभर ने विधानसभा के बाहर पत्रकारों से कहा कि अगर वह लोकसभा चुनाव जीतना चाहते हैं तो सपा मुखिया को घर पर बैठकर मैदान में नहीं जाना चाहिए। यह आराम करने का समय नहीं है। इसे जनता के बीच में सामने लाना होगा और जिन मुद्दों पर हमने विधानसभा चुनाव लड़ा था, उनके बारे में जनता को समझाना होगा। राजभर ने बताया कि सुभासपा ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। राजभर ने तर्क दिया कि मायावती ने घर बैठे राजनीति की, इसलिए आज विधानसभा में उनकी पार्टी से विधायक हैं। कांग्रेस ने भी यही किया, उसका भाग्य भी सामने है।
बिखरा नजर आया विपक्ष
विधानसभा में बजट सत्र के दौरान सत्तारूढ़ दल एकजुट रहा। भाजपा के तमाम सहयोगी दलों के विधायक जब एक साथ खड़े नजर आए तो विपक्ष बिखरा हुआ नजर आया। सपा, बसपा, रालोद और कांग्रेस विधायक अलग-अलग जगहों पर योगी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते नजर आए। सपा के विरोध में पार्टी के टिकट पर जीते कई विधायक खड़े भी नहीं दिखे तो सहयोगी दलों ने भी किनारा कर लिया।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!