किसानों को औषधीय एवं सगंध पौधों की उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

प्रशिक्षण कार्यक्रम का उदघाटन सीमैप के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने किया

क्राइम रिव्यू

लख़नऊ। सी.एस.आई.आर.-केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप), लखनऊ में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, लखनऊ, उत्तर प्रदेश के वित्त पोषित परियोजना के अंतर्गत दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुरुआत गुरुवार को किया गया।
इस कार्यक्रम में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से चयनित किसानों ने भाग लिया। 3 जून तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उदघाटन सीमैप के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने किया। निदेशक, सीएसआईआर-सीमैप ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुये कहा कि परंपरागत फसलों के फसल चक्र मे औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती का समावेश कर किसान अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं । उन्होंने सभी प्रतिभागियों से आहवाहन किया कि आप सीमैप में औषधीय फसलों के साथ-साथ सगंध फसलों पर भी समुचित जानकारी लेकर जाए तथा इस जानकारी को दूसरे किसानो से भी साझा करें ताकि ली गई जानकारी से दूसरे किसान भी लाभ ले सकें । खेती के साथ-साथ प्रसंस्करण एवं भंडारण की भी जानकारी किसानों से साझा करें ताकि राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्तायुक्त उत्पादों का उत्पादन किया जा सके।बाली शरण चौधरी, प्रतिनिधि आयुष विभाग ने आयुष मिशन परियोजना के बारे में प्रतिभागियों को विस्तृत जानकारी प्रदान की तथा बी. एस. द्विवेदी प्रतिनिधि उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उत्तर प्रदेश ने विभाग द्वारा किसानों को प्रदत्त सेवाओं के बारें में किसानों को बताया। डॉ. संजय कुमार, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक व संयोजक, प्रशिक्षण कार्यक्रम ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूप-रेखा के बारे में जानकारी प्रदान की तथा धन्यवाद ज्ञापन किया। डॉ. रमेश कुमार श्रीवास्तव, प्रधान वैज्ञानिक, तकनीकी प्रसार विभाग के द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम के विस्तार एवं महत्व के बारें में बताया तथा डॉ. राम सुरेश शर्मा, प्रधान वैज्ञानिक ने सीमैप की गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी किसानों को प्रदान की ।
आज के प्रशिक्षण कार्यक्रम के तकनीकी सत्र मे डॉ. सौदान सिंह ने मिंट की उन्नत कृषि तकनीकी को किसानों से साझा की । डॉ. संजय कुमार ने नीबूघास के उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीकी प्रतिभागियों से साझा की । डॉ. वी. आर. सिंह ने सतावर की उन्नत कृषि प्रौद्योगिकी को किसानों को अवगत कराया. डॉ. ए. के. गुप्ता ने सर्पगंधा के उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीकी को प्रतिभागियों को बताया । डॉ. संजय कुमार ने अश्वगंधा उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीकी को प्रतिभागियों को विस्तार बताया डॉ. राजेश वर्मा ने जिरेनियम तथा डॉ. रमेश कुमार श्रीवास्तव ने गुलाब की वैज्ञानिक खेती के बारें में प्रतिभागियों को जानकारी दी । कार्यक्रम का संचालन डॉ. ऋषिकेश भिसे, वैज्ञानिक द्वारा किया गया।
इस अवसर पर सीएसआईआर-सीमैप के विभिन्न वैज्ञानिक, तकनीकी अधिकारी व शोधार्थी आदि उपस्थित रहे ।

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