नदियों का पानी स्वच्छ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं कछुए

पृथ्वी इनोवेशंस, उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड व वन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में विश्व कछुआ दिवस मनाया

क्राइम रिव्यू
लखनऊ। पृथ्वी इनोवेशंस, उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड व वन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में व्यवसायिक प्रशिक्षण संस्थान छठा मील में विश्व कछुआ दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि कछुआ धीरे–धीरे विलुप्त होने की कगार पर है। यदि उनके प्रति लोगों में जागरूकता नहीं फैलाई गई तो यह प्रजातियां पूरी तरह से खत्म हो सकती हैं।
वही छात्रों ने भी कछुओ के प्रति अपनी भवनाओं को पोस्टर व कोलाज बनाकर प्रदर्शित किया।
पृथ्वी इनोवेशन की संस्थापक व महासचिव अनुराधा गुप्ता ने बताया कि कछुए नदियों के पानी को साफ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है। प्रायः कछुए दो प्रकार के होते है।कठोर कवच वाले कछुए एवम मुलायम कवच वाले कछुए । ये कछुए जहाँ एक ओर सड़ी-गली लाशों को खाकर खत्म करते हैं। वहीं दूसरी ओर कठोर कवच वाले कछुए पानी में पैदा होने वाले हरित शैवाल को खाकर नदियों के जल प्रदूषण को कम कर देते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष 23 मई को सम्पूर्ण विश्व में मनाया जाता है। विश्व कछुआ दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों का ध्यान कछुओं की तरफ आकर्षित करने और उन्हें बचाने के लिए किए जाने वाले मानवीय प्रयासों को प्रोत्साहित करना है। कार्यक्रम में बताया गया कि कछुओं की प्रजाति लगभग 200 मिलियन वर्ष पूर्व से पृथ्वी पर पाई जाती है इन्हें विश्व की सबसे पुरानी जीवित प्रजातियों में से एक माना जाता है। हिंदू धर्म में कछुओं को भगवान विष्णु के बारह अवतारों में से एक कच्छप अवतार के रूप में जाना जाता है इसलिए आज भी अनेकों मंदिरों में कछुओं के विग्रह विराजमान हैं और लोग उनकी पूजा करते हैं। कार्यक्रम में छात्रों ने अपने परिसर में हरियाली बढ़ाने के लिए पृथ्वी के गुटली बैंक को शुरू करने के लिए काफी उत्साह दिखाया। साथ ही जादू की झप्पी या हग ए ट्री चैलेंज पसंद आया। इसमें सभी को अपने आसपास छायादार देशी पेड़ो की पहचान करके उन्हें गले लगाना होता है। कार्यक्रम में रवि रावत, अंजुम, अनुष्का, प्रगति, रवींद्र समेत बड़ी संख्या में छात्र छात्राओं ने बढ़चढ़ हिस्सा लिया।

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