लखनऊ के प्रभारी मंत्री को व्यापारियों ने सौंपा 15 सूत्री मांग पत्र

जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी, डिप्टी डायरेक्टर जिला उद्योग केंद्र, डिप्टी कमिश्नर जीएसटी प्रशासन भी बैठक में रहे मौजूद

क्राइम रिव्यू
लखनऊ। लखनऊ कलेक्ट्रेट में लखनऊ के प्रभारी मंत्री एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री अजीत पाल सिंह ने राजधानी के व्यापारियों और उद्यमियों के साथ बैठक कर उनकी समस्याएं सुनी। बैठक में राजधानी के प्रमुख व्यापारी एवं उद्योग संगठन शामिल हुए। बैठक में जिलाधिकारी लखनऊ, मुख्य विकास अधिकारी लखनऊ, अपर जिलाधिकारी पूर्वी लखनऊ  डिप्टी डायरेक्टर जिला उद्योग केंद्र एवं डिप्टी डायरेक्टर प्रशासन जीएसटी भी मौजूद रहे।
उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता ने बैठक की शुरुआत करते हुए प्रभारी मंत्री के सामने प्रदेश के व्यापारियों की समस्याएं रखी। उन्होंने कहा जिन व्यापारियों ने पानी का कनेक्शन नहीं लिया हैं, उनसे जलकर ना वसूला जाए। कमर्शियल हाउस टैक्स की दरें उचित की जाए तथा प्रदेश में ई कॉमर्स के लिए नीति बनाने, विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों पर अंकुश लगाने, व्यापारी नीति आयोग के गठन तथा स्टेट जीएसटी ट्रिब्यूनल के गठन की मांग उठाई। संगठन के पदाधिकारियों के साथ मिलकर व्यापारी नेता संजय गुप्ता ने मुख्यमंत्री को संबोधित 15 सूत्री मांग पत्र प्रभारी मंत्री अजीत पाल सिंह को सौंपा।
लखनऊ के प्रभारी मंत्री अजीत पाल सिंह  ने बैठक में मुख्यमंत्री तक व्यापारियों की समस्याएं पहुंचा कर समाधान कराने का आश्वासन दिया। बैठक में विभिन्न व्यापार मंडल एवं उद्योग संगठन के पदाधिकारी ,उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश कोषाध्यक्ष मोहम्मद अफजल, ट्रांस गोमती इकाई के अध्यक्ष अनिरुद्ध निगम, महामंत्री विजय कनौजिया, सदर बाजार के अध्यक्ष अखिल ग्रोवर, खुर्रम नगर के अध्यक्ष उमेश संवाल, चेयरमैन राजाराम रावत, रहीम नगर मार्केट के अध्यक्ष मशीउज्ज जमा गांधी, ज्ञानेंद्र उपाध्याय, व्यापारी नेता श्याम सुंदर अग्रवाल, विवेक श्रीवास्तव, नगर उपाध्यक्ष मोहम्मद आदिल, ट्रांस गोमती उपाध्यक्ष मोहम्मद आरिफ सहित विभिन्न बाजारों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
प्रभारी मंत्री के सौंपा यह 15 सूत्रीय मांग पत्र:-
ई-कॉमर्स :-
1. प्रदेश में ई “कॉमर्स नीति” बनाई जाए
विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा देश के नियम कानूनों का उल्लंघन करते हुए विभिन्न प्रकार के छदम तरीके अपनाते हुए किए जा रहे व्यापार पर अंकुश लगाने हेतु तथा उन्हें नियम कानूनों का अनिवार्य रूप से पालन  कराने हेतु प्रदेश में “ई कॉमर्स नीति” बनाई जाए( ई-कॉमर्स नीति निर्मात्री समिति में प्रमुख व्यापारी संगठनों के व्यापारी प्रतिनिधि अनिवार्य रूप से शामिल किए जाएं)
2. प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के व्यापारियों के व्यापार को ई-कॉमर्स के माध्यम से बढ़ाने हेतु राज्य स्तर पर सरकार द्वारा स्वयं अथवा पीपीपी मॉडल पर व्यापारियों के सहयोग से पूर्ण रूप से स्वदेशी “ई-कॉमर्स पोर्टल” तैयार किया जाए जिसमें प्रदेश के व्यापारियों को निशुल्क व्यापार करने की सुविधा हो ( यह पोर्टल व्यापारियों को केवल मार्केटप्लेस उपलब्ध कराने के मॉडल पर आधारित हो, पोर्टल द्वारा स्वयं बिक्री न की जाए) पोर्टल के प्रचार प्रसार के लिए सरकार अपने बजट में प्रावधान करें
व्यापारी नीति आयोग:
3. प्रदेश में व्यापारियों के व्यापार को बढ़ाने हेतु “व्यापारी नीति आयोग” का गठन किया जाए तथा इसमें प्रदेश के प्रमुख अनुभवी व्यापारियों को मुख्य भूमिका में रखा जाए तथा अधिकारियों को सदस्य के रूप में ही रखा जाए एवं “व्यापारी नीति आयोग” को सशक्त करते हुए प्रभावी अधिकार दिये जाए ,जिससे प्रदेश के व्यापार को बढ़ावा देने वाली नीतियां बन सके
 
 गुड्स एंड सर्विस टैक्स
4. उत्तर प्रदेश में जीएसटी ट्रिब्यूनल का गठन किया जाए
(4.a) प्रदेश स्तरीय “जी एस टी सुझाव समिति “का गठन हो जिसमें प्रदेश के प्रमुख व्यापारिक संगठनों के अनुभवी विशेषज्ञ व्यापारी प्रतिनिधियों को सदस्य के रूप में शामिल किया जाए जिन के सुझावों को जी एस टी परिषद में राज्य सरकार की ओर से भेजा जाए तथा भेजें गए सुझावों के क्रियान्वयन की जी एस टी परिषद में राज्य सरकार की तरफ से मजबूत पैरवी की जाए
बीमा :-
5. जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों के लिए 10 लाख रुपए का “व्यापारी स्वास्थ्य बीमा” सरकार द्वारा अनिवार्य रूप से दिया जाए 6. जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों के लिए दुर्घटना बीमा योजना की परिभाषा में बदलाव करते हुए दुर्घटना बीमा योजना का दायरा बढ़ाते हुए 15 लाख रुपए करते हुए उसके दायरे में कोविड- 19 व अन्य महामारी एवं प्राकृतिक आपदा से होने वाली मृत्यु को भी जोड़ा जाए
 
कॉमर्शियल विद्युत:
7. कॉमर्शियल विद्युत कनेक्शन की दरें कम हो तथा कॉमर्शियल उपभोक्ता द्वारा जितनी विद्युत का उपयोग किया गया हो, सिर्फ उतनी विद्युत के मूल्य ही लिए जाएं डिमांड चार्ज, फिक्स चार्ज ,मिनिमम चार्ज आदि समाप्त हो, अर्थात जितनी बिजली उतने दाम
कामर्शियल हाउस टैक्स:-
 
8. कामर्शियल हाउस टैक्स की दरें आवासीय हाउस टैक्स की दर से मात्र दुगनी निर्धारित की जाए वर्तमान में आवासीय दर से 5 गुना तक यह दरे प्रभावी हैं)
 
 जलकर:-
9. जिन व्यापारियों द्वारा अपने प्रतिष्ठानों पर वाटर कनेक्शन नहीं लिया गया हो तथा उनके प्रतिष्ठान में शौचालय मूत्रालय का प्रयोग ना हो रहा हो उन वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को जल कर के भुगतान से मुक्त रखा जाए केवल उन्हीं वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों से जलकर वसूला जाए जो जल का कनेक्शन अथवा शौचालय मूत्रालय का प्रयोग करते हो
नगर विकास:-
10. जनता की आवश्यकता के अनुसार स्वाभाविक रूप से प्रदेश के महानगरों में 18 मीटर से अधिक चौड़ी सड़कों पर जिन आवासीय क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में 80% से अधिक व्यवसायिक गतिविधियां हो रही हो उन बाजारों को बाजार मार्ग/ मार्केट स्ट्रीट घोषित किया जाए
11. प्रदेश के महानगरों में मिक्स लैंड यूज की व्यवस्था लागू की जाए
व्यापारी सुरक्षा:- 
12. प्रदेश के व्यापारियों की सुरक्षा के लिए “व्यापारी सुरक्षा प्रकोष्ठ” को वास्तविक रूप से प्रभावी बनाया जाए तथा प्रदेश के हर थाने पर व्यापारी हेल्पडेस्क बने
इंस्पेक्टर राज:-
13. व्यापारियों के वहां किसी भी तरह के सर्वे छापे की कार्यवाही पर पूर्णतया प्रतिबंध हो, विशेष  परिस्थितियों में केवल मुख्यमंत्री की अनुमति से ही छापे पड़े (कुछ प्रदेशों में यह व्यवस्था लागू है)
14.-पैकेट बंद खाद्य पदार्थों के सैंपल  उत्पादन इकाई से ही लिए जाए व्यापारिक प्रतिष्ठानों से नहीं लिया जाए नाही उन्हें मुकदमे में पार्टी बनाया जाए एवं खाद्य पदार्थ विक्रेताओं के सैंपल की हुई द्विस्तरीय जांच की व्यवस्था हो तथा प्रदेश के सभी जिलों में टेस्ट लैब की स्थापना की जाए
15. व्यापारियों की शिकायत पर व्यापारियों का उत्पीड़न करने वाले भ्रष्ट अधिकारियों की जांच की जाए तथा प्रभावी कार्रवाई की जाए।

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