आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं साइबर सिक्योरिटी से जागरूक हुए ग्रामीण अंचल के विद्यार्थी

आंचलिक विज्ञान नगरी में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन

क्राइम रिव्यू
लखनऊ। आंचलिक विज्ञान नगरी में इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड एडवांस्ड स्टडीज लखनऊ तथा राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में जनसामान्य में जागरूकता के लिए चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत अवेयरनेस मटेरियल डेवलपमेंट वर्कशॉप का आयोजन हुआ। जिसमें कानपुर देहात, उन्नाव एवं बाराबंकी जनपद के ग्रामीण विद्यालयों के शिक्षकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
कार्यशाला का शुभारंभ संयोजक डॉ विकास मिश्रा ने स्वागत वक्तव्य द्वारा किया। इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड एडवांस्ड स्टडीज के कार्यकारी सचिव डॉ वी पी सिंह ने कार्यशाला के उद्देश्यों एवं आगामी क्रियाकलापों से परिचित कराते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा साइबर सिक्योरिटी वर्तमान समय की प्रमुख आवश्यकताएं हैं। शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वह अपने विद्यार्थियों को जागरूक करें एवं विभिन्न साइबर सुरक्षा संबंधी समस्याओं का सामना करने हेतु सक्षम बनाएं। इस कार्यक्रम के द्वारा ग्रामीण अंचल के विद्यार्थियों को विभिन्न गतिविधियों एवं मोटिवेशनल कैंप के माध्यम से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं साइबर सुरक्षा हेतु जागरूक किया जाएगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लखनऊ मैनेजमेंट एसोसियेशन के सचिव डॉ धीरज मेहरोत्रा ने शिक्षा पर इंटरनेट के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए प्रमुख बिंदुओं की चर्चा की। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पुस्तक के लेखक डा मेहरोत्रा ने इस विषय पर और सरल और उपयोगी वैज्ञानिक साहित्य विकसित करने हेतु प्रेरित किया। रोबोज डॉट कॉम के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी ड्रोन मैन आफ इंडिया इंजीनियर मिलिंद राज ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में रोबोटिक्स व ड्रोन टेक्नोलॉजी की चर्चा की तथा इसका व्यावहारिक प्रदर्शन करके प्रतिभागियों को दिखाया। लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पुनीत मिश्रा ने डिजिटल युग में कदमताल करते हुए मानवीय मूल्यों को बनाए रखने पर बल दिया। भाषा विश्वविद्यालय के डॉ सुमन कुमार मिश्रा ने साइबर सुरक्षा पर पीपीटी प्रेजेंटेशन द्वारा विस्तृत जानकारी दी एवं प्रतिभागियों की विभिन्न जिज्ञासाओं का समाधान किया। भारतीय उद्यमीयता विकास संस्थान अहमदाबाद के अभिषेक नंदन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वा साइबर सुरक्षा में ग्रामीण बच्चों में शिक्षण और प्रशिक्षण पर बल देते हुए उद्यमी बनने का आवाह्न किया।
आंचलिक विज्ञान नगरी के शिक्षा अधिकारी राम कुमार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दैनिक जीवन में उपयोग बताया।  बॉक्स ऑफ सांइस पुणे के प्रमुख पराग गोरे ने ग्रामीण बच्चों के लिए विज्ञान करके सीखो पर रोबोटिक्स पर व्यवहारिक बातो को शिक्षको को प्रशिक्षण सामग्री विकासित करने हेतु प्रेरित किया। लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ए पी सिंह ने ऑनलाइन फ्रॉड हेतु सतर्कता की चर्चा की। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के डॉ अरविंद कुमार सिंह ने साइबर अपराध में प्रयुक्त विभिन्न तरीकों को बताया। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में जागरूकता लाकर इसे काफी हद तक सीमित किया जा सकता है। कार्यशाला में 35 विशेषज्ञ और शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। धन्यवाद ज्ञापन इनोवेटर पंकज पाण्डेय ने दिया।

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