एलडीए देता रहा नोटिस, अवैध निर्माण पूरा कर खुल गया पैंटालूंस का शोरूम

शिकायतकर्ता ने वीसी एलडीए से मिलकर की शिकायत, वीसी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

क्राइम रिव्यू
लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण अवैध निर्माण को रोकने के लिए कितना गम्भीर है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्राधिकरण सिर्फ पत्राचार करता रहा और दबंगों ने पांच मंजिला की अवैध इमारत खड़ी कर दी। यही नहीं, अब इसमें एक शोरूम भी खुल गया है। शिकायतकर्ता की शिकायत पर एलडीए वीसी ने अवैध निर्माण से बनी बिल्डिंग के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का आश्वसन दिया है।
अवैध निर्माणकर्ता मनोज अग्रवाल, नीति अग्रवाल, गर्वित अग्रवाल, नीलम अग्रवाल एवं डायरेक्टर मेसर्स एएन इन्फ्रालैण्ड प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्लाट संख्या-बी. 1/6, सेक्टर-एफ, अलीगंज में 3200 वर्गफुट में बेसमेंट की खुदाई कर निर्माण कराया जा रहा था। गायत्रीपुरम, कुर्सी रोड निवासी हेमंत कुमार मिश्रा ने लखनऊ विकास प्राधिकरण में इस मामले की शिकायत की गई। जिसका वाद संख्याः-100/2021 प्लाट संख्या-सी 15 सेक्टर-एफ, अलीगंज, वाद संख्याः-159/2021, प्लाट संख्या-सी 16 सेक्टर-एफ, अलीगंज और वाद संख्याः-158/2021 है। एलडीए की जांच टीम ने भी निर्माण को अवैध पाया। टीम की रिपोर्ट पर पर विपक्षियों को 5 फरवरी 2021 को धारा-27 की नोटिस देकर अपना पक्ष देने को कहा गया। आरोपियों द्वारा निर्धारित समय पर पक्ष न देने पर एलडीए की ओर से 26 जुलाई 2021 को निर्माण सील करने के लिए आदेश जारी कर दिया गया। इतना ही नहीं सीलिंग के समय कोई विवाद न हो इसकी जिम्मेदारी पुलिस को दी गई। सीलिंग की तारीख भी 4 अगस्त 2021 निर्धारित कर दी गई। इन सबके बावजूद कोई कार्रवाई न होने पर हेमंत द्वारा मुख्यमंत्री सहित अन्य उच्चाधिकारियों से शिकायत की गई, तो एलडीए ने स्थानीय थाने को एक जून और दोबारा 6 जुलाई को पत्र लिख कर निर्माण रोकने की कागजी कार्रवाई पूरी कर ली।

एलडीए वीसी से मिलकर शिकायतकर्ता ने दिखाए साक्ष्य

शिकायतकर्ता हेमंत ने एलडीए वीसी डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी से मुलाकत की और मामले से सम्बंधित साक्ष्य दिखाए। हेमंत ने बताया कि एलडीए के अधिकारियों, कर्मचारियों व क्षेत्रीय पुलिस से निर्माणकर्ताओं ने सांठगांठ करके निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि जिम्मेदारों की मिलीभगत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मामले का प्राधिकरण न्यायालय में वाद भी विचाराधीन है। बावजूद इसके निर्माण कार्य को नहीं रोका गया। इस मामले में डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। अवैध तरीके से निर्माण कराई गई बिल्डिंग के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पूरी कराई जाएगी।

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