लखनऊ की सूरत संवारने के लिए आर्किटेक्टों को दी गयी जिम्मेदारी

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने शहर को बहुसांस्कृतिक रूप से विकसित करने के सम्बंध में आर्किटेक्टों के साथ की बैठक

क्राइम रिव्यू

लखनऊ। लखनऊ को सुन्दर, व्यवस्थित, आकर्षित तथा परम्परागत सांस्कृतिक स्वरूप में निखारने के उद्देश्य से मंगलवार को प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी द्वारा शहर के प्रमुख आर्किटेक्ट/वास्तुविद/लैण्डस्केप डिजायनर के साथ बैठक की गई। इसमें विशेषज्ञों द्वारा कई सुझाव दिये गए, जिस पर उपाध्यक्ष ने उन्हें अलग-अलग क्षेत्रों को विकसित करने की जिम्मेदारी सौंपी है।
बैठक में आर्किटेक्ट रजनीश अग्रवाल द्वारा कहा गया कि शहर को वृहद् व माइक्रो लेविल पर बहुतायत रूप में सुधार की आवश्यकता है। शहर के महत्वपूर्ण चैराहों के पहुंच मार्ग में कठिनाई है, उनमें भी सुधार की आवश्यकता है। साथ ही आवश्यकता अनुसार शहर के ट्रैफिक वन-वे रोड का संचालन किया जाय। इस मौके पर आर्किटेक्ट अनुपम मित्तल द्वारा सुझाव दिया गया कि शहर के सौन्दर्यीकरण में विभिन्न कालेज के छात्र/छात्राओं को सम्मिलित किया जाय और उनसे डिजाइन कराया जाय ताकि शहर को नवीन शिल्प से अलंकृत किया जा सके। वहीं, आर्किटेक्ट शुभ्रा मित्तल द्वारा सुझाव दिया गया कि विकसित गोमती रिवर फ्रंट के किनारों को मनोरंजनात्मक रूप से प्रयोग किया जा सकता है। शहर में पार्कों की संख्या पर्याप्त है, लेकिन सुव्यवस्थित बहुआयामी पर्यावरण के रूप में अवधारित और डिजाइन के पार्को की संख्या नगण्य है। शहर के नये इलाकों में बच्चों के खेलने एवं टहलने के लिए पार्क हैं परन्तु पार्क आधुनिक रूप से विकसित नहीं हैं। लखनऊ शहर में आधुनिक रूप से पूर्ण विकसित मात्र जनेश्वर मिश्र पार्क है, जो शहर के आकर्षण का केन्द्र हैं। उनके द्वारा इसी तर्ज पर शहर के नए इलाकों में भी निर्मित पार्को को विकसित किये जाने का सुझाव दिया गया। इन पार्कों में प्राकृतिक दृष्टि से लैण्डस्केपिंग व प्रकाश की व्यवस्था करायी जाए। अविकसत पार्को के विकास हेतु जागरूक व्यक्तियों, निवेशकों एवं समाजसेवी संस्थाओं (एन0जी0ओ0) से सहयोग लिये जाने का भी सुझाव दिया गया। इसके अतिरिक्त विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि लखनऊ विकास प्राधिकरण के सामने बंधे पर पूर्व से निर्मित चटोरी गली में फूड पार्लरों का संचालन किये जाने की आवश्यकता है। इसके निकट संगीत आदि क्रियाओं हेतु किसी मंच का निर्माण कराया जाए, ताकि शाम को शहर के लोग घूमने-फिरने के साथ स्थानीय व्यंजन तथा संगीत आदि का भी लुत्फ ले सकें।
आर्किटेक्टों द्वारा दिये गये सुझावों के आधार पर प्राधिकरण के उपाध्यक्ष द्वारा लखनऊ शहर के बहुसांस्कृतिक स्वरूप का अहसास और लोगों में आकर्षण का केन्द्र बनाने तथा नये इलाकों को नवीन शिल्प से अलंकृत करने के लिए आर्किटेक्ट आशीष श्रीवास्तव को पुराने लखनऊ, आर्किटेक्ट रजनीश अग्रवाल को अलीगंज, कपूरथला, आर्किटेक्ट नमित अग्रवाल को गोमती नगर, आर्किटेक्ट पवन मिश्रा को आशियाना, आर्किटेक्ट अशोक कुमार को सीजी सिटी/गोमती नगर विस्तार को विकसित करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। उपाध्यक्ष ने कहा कि इस सम्बंध में आर्किटेक्चर कालेज की डायरेक्टर वंदना सहगल तथा शहर के अन्य आर्किटेक्टों के साथ पुनः बैठक की जाएगी। इस मौके पर प्राधिकरण के सचिव पवन कुमार गंगवार, मुख्य नगर नियोजक नितिन मित्तल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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