सम्बन्धों में सामंजस्य एवं समरसता से मिलेगी तनाव से मुक्ति : ब्रह्मकुमारी पूनम दीदी

ब्रह्मकुमारीज जानकीपुरम की ओर से नौ दिवसीय अलविदा तनाव कार्यक्रम का शुभारंभ

क्राइम रिव्यू

लखनऊ। जीवन में हर संबंध का अपना एक अलग ही महत्व हैं, इन सम्बन्धों में सामंजस्य एवं समरसता हम सीख लें तो तनाव स्वतः ही नियमित हो जायेगी। यह बात ब्रह्मकुमारी कुमारी पूनम दीदी ने गुरुवार को ब्रह्मकुमारीज जानकीपुरम की ओर से जानकीपुरम सेक्टर आठ में ‘अलविदा तनाव’ कार्यक्रम के शुभारंभ पर बतौर मुख्य वक्ता कही। नौ दिवसीय कार्यक्रम में ब्रहमाकुमारीज लखनऊ की संचालिका राधा दीदी और जानकीपुरम संचालिका ब्रह्मकुमारी कु सुमन मौजूद थी।ब्रह्मकुमारी कु पूनम दीदी ने कहा कि हमारे जीवन में तनाव का कारण काफी हद तक हमारी जीवन शैली ही होती है। जीवन में सन्तुलन बनाये रखना इस सवर्श्रेष्ठ प्राणियों के लिए काफी कठिन होता है जबकि सर्कस में जानवरों को अगर हम देखें तो जानवर चिड़िया बैलेन्स रखकर कितनों को देखने पर मजबूर कर देती है। उसी प्रकार हम थोड़ा प्रयास करे तो अपने जीवन के हर सम्बन्ध में हर क्षेत्र में संतुलन बनाकर तनाव से मुक्त जीवन जी सकते है। पूनम दीदी ने कहा कि नियमित शारीरिक व्यायाम, योग, प्राणायाम, सूर्योदय से पहले उठकर मॉर्निंग वाॅक जीवन का अंग बना लेना चाहिए। इससे हम प्रकृति के स्वणिर्म सुप्रभात के ताज़गी भरे खुशनुमा वातावरण का फायदा लेकर शरीर के तनाव को नियंत्रित कर सकते हैं। हमारे शरीर के काम हमारे मन की स्थिति का प्रभाव काॅफी हद तक भोजन पर निभर्र रहता है। इसलिए हमारा भोजन शुद्ध, सात्विक और शाकाहारी ही होना चाहिए। ब्रह्मकुमारी कु पूनम दीदी ने कहा कि स्वयं की वैल्यू को समझे, अपने व्यक्तित्व को निखारें, अपने काम को खुद बनायें। कभी भी अपनी तुलना किसी अन्य से न करें क्योंकि आप यूनिक है आप जो कर सकते है वह संसार में दूसरा कोई भी अन्य नहीं कर सकता, इस सबको जान लें तो भी आप तनाव से मुक्ति पा सकते है। हम जीवन में एक सिद्धान्त बना लें तो तनाव हमारे मुट््ठी में आ जायेगा। भूलें और माफ करें, इस छोटी सी लाइन को हमेशा अपने स्मृति की पहली लाइन बना लें तो जीवन खुशनुमः बन जायेगा। आज की हालात में हमें ऐसी कला सीखना ही होगा।

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